साइंटिस्ट्स के लिए रहस्य बना ये गांव, 1959 से आबादी में नहीं आया कोई फर्क

  गुईझोऊ। चीन करीब तीन दशक से ज्यादा समय से चली आ रही वन चाइल्ड पॉलिसी के लिए मशहूर है। लेकिन चीन के इस गांव में फैमिली प्लानिंग का इतिहास छह दशक से भी पुराना रहा है। साउथ चीन के गुईझोऊ के झानली गांव में हर कपल के एक बेटी और एक बेटा है। गांव के लोगों का ये दावा है कि ऐसा लोकल प्लांट में बनी प्राचीन जड़ी-बूटी की वजह से है, जो यहां के लोगों को अपने बच्चों का जेंडर चुनने की आजादी देती है। इतना ही नहीं, स्थानीय मीडिया के मुताबिक, 1959 से इस गांव की आबादी के आकार में बदलाव न के बराबर हैं। झानली की ऐसे अजीबोगरीब स्थितियों और दावों ने इस जगह को लेकर देश के सोशल साइंटिस्ट्स की रूचि बढ़ा दी है। ये गांव उनके लिए रहस्य बन गया है।   रहते हैं काम जाति के लोग झानली में काम जाति के लोगों की आबादी है, जो यहां के ऑफिशियली रजिस्टर्ड 56 माइनॉरिटी ग्रुप्स में शामिल हैं। चीन की जातीय अल्पसंख्यक आबादी पर देश की वन चाइल्ड पॉलिसी लागू नहीं होती थी। इसके बावजूद इस गांव ने करीब 6 दशक पहले से यानी स्थापना के वक्त से ही आबादी को कंट्रोल कर रखा था। हालांकि, चीन सरकार ने बीते महीने नई टू…

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