सरकार को करनी पड़ेगी खासी मेहनत
|राजधानी को प्रदूषण से बचाने के लिए दिल्ली सरकार तीसरी बार ऑड-इवन सिस्टम लाने जा रही है। लेकिन इस बार सरकार को खासी मेहनत करनी होगी। सवाल यह भी उठ रहा है कि मात्र पांच दिन के लिए इस सिस्टम को लागू कर किस प्रकार प्रदूषण से मुक्ति पाई जा सकती है। बसों की कमी सरकार के लिए परेशानी का सबब बन सकती है। वैसे इस दौरान मौसम के सुधार की गुंजाइश बताई जा रही है।
दिल्ली सरकार ट्रैफिक सिस्टम को सुधारने के लिए 13 से 17 नवंबर तक ऑड-इवन लागू करने जा रही है। ऐसा पहली बार हो रहा है, जब मात्र पांच दिन के लिए इस सिस्टम को लाया जा रहा है। जबकि इससे पहले पिछले साल जनवरी और अप्रैल में लाया ऑड-इवन सिस्टम 15-15 दिन के लिए था। इसलिए सवाल उठ रहा है कि क्या मात्र पांच दिनों में इस सिस्टम को लागू कर प्रदूषण को कम किया जा सकता है। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि पांच दिनों से इस सिस्टम को लागू कर प्रदूषण से कैसे निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग अगले सप्ताह बारिश की संभावना जता रहा है, ऐसे में बारिश ही प्रदूषण को काफी हद तक कम कर देगी।
दिल्ली सरकार ने ऑड-इवन को लागू करने के दौरान मेट्रो से अतिरिक्त फेरे लगाने को कहा है, लेकिन उसके पास बसों की काफी कमी है। डीटीसी बसों की कमी से बचने के लिए सरकार ने कहा है कि वह 500 बसों की अतिरिक्त व्यवस्था करेगी और उनमें पास भी लागू करेगी। लेकिन समस्या यह है कि ये बसें कहां से आएंगी। पहले ऑड-इवन में सरकार को बसें इसलिए मिल गई थी क्योंकि उसने स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया था तो उनकी बसें सड़कों पर आ गई थी, लेकिन इस बार बसों में अवकाश नहीं रखा गया है, ऐसे में बसों को लाना मुश्किल होगा। पिछली बार ट्रैफिक सिस्टम को सुधाने के लिए सरकार ने पूर्व सैनिकों की मदद ली थी। इस बार सिविल डिफेंस के वॉलिंटियर लगाए जाएंगे।
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