शेयरों पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स से 2019-20 में 40,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद: अधिया
|सरकार को उम्मीद है कि शेयरों में निवेश पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) टैक्स से 2019-20 में उसे 40,000 करोड़ रुपये तक का राजस्व प्राप्त हो सकता है। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शेयर निवेश के पुराने मामलों में निवेश पर एलटीसीजी से छूट का प्रभाव खत्म होने पर इसके दायरे में आने वाले सौदों की संख्या बढ़ेगी और टैक्स कलेक्शन में वृद्धि होगी।
लटीसीजी 14 साल बाद फिर से लागू किया गया है। इसके तहत एक साल से अधिक अवधि के शेयर निवेश को लॉन्गटर्म इन्वेस्टमेंट की कैटिगरी में रखा जाता है। इसको फिर लागू करने को उचित बताते हुए वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि यदि मेहनत करने वाला वेतनभोगी वर्ग 30 प्रतिशत की दर से टैक्स चुकाता है तो शेयर बाजार में भारी मुनाफा कमाने वालों को भी टैक्स के दायरे में लाया जाना उचित ही है।
उन्होंने कहा कि आकलन वर्ष 2017-18 के लिए दाखिल इनकम टैक्स डीटेल्स के अनुसार सूचीबद्ध शेयरों पर 3.67 लाख करोड़ रुपये के लाभ को टैक्स से छूट दी गई थी। अधिया ने कहा ‘हमने इसी साल इस बारे में रिपोर्ट मांगनी शुरू की। हमें यह चौकाने वाली बात दिखी की 3.76 लाख करोड़ रुपये की भारी भरकम इनकम को छूट वाली इनकम के रूप में दिखाया गया। क्या यह कुछ ज्यादा नहीं है? आप कल्पना कीजिए। यदि आप वेतभोगी हैं और आप ने इतना कमाया होता तो आप को इस पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स चुकाना होता।’
उन्होंने कहा कि पहले साल एलटीसीजी कर से 20,000 करोड़ रुपये की वसूली होने की उम्मीद है क्योंकि पहले से किए गए निवेश पर बाजार के हिसाब से हुए लाभ को एक निश्चित तारीख तक नए प्रावधान से मुक्त रखा गया है। अगले वित्त वर्ष (2019- 20) में यह 40,000 करोड़ रुपये हो सकता है। वित्त मंत्री जेटली ने इस बार के बजट में एक लाख रुपये से अधिक के लाभ पर इस कर को फिर लागू कर दिया है। पर पहले से किए गए निवेश पर लाभ का आकलन शेयर के 31 जनवरी 2018 के बाजार बंद होने के समय के मूल्य के आधार पर किया जाएगा। अब तक केवल शॉर्ट टर्म (एक साल से कम) निवेश में हुए लाभ पर 15 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाया जाता है। यह व्यवस्था बनी रहेगी।
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