विशाल मेगा मार्ट को 5500 करोड़ रुपये में खरीदेंगे पार्टनर्स ग्रुप और केदारा कैपिटल

इंदुलाल पीएम/अरिजित बर्मन/बैजू कलेश, मुंबई
पार्टनर्स ग्रुप और केदारा कैपिटल सहित कई एंटिटीज का प्राइवेट इक्विटी कंसोर्शियम विशाल मेगा मार्ट को दिग्गज अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी कंपनी टीपीजी कैपिटल और चेन्नै के श्रीराम ग्रुप से 5300-5500 करोड़ रुपये में खरीदने को राजी हो गया है। ईटी को यह बात डील की जानकारी रखने वाले सोर्स ने बताई और कहा कि इस बाबत शनिवार को डेफिनिटिव अग्रीमेंट साइन हुआ जिसका ऐलान मंगलवार तक हो सकता है।

डील से लगभग एक साल से चल रहा प्रोसेस खत्म हो जाएगा। इस दौरान कंपनी में स्ट्रैटिजिक कंपनियों और फाइनैंशल इंस्टीट्यूशंस के अलावा कार्लाइल और केकेआर पीई फंड्स ने दिलचस्पी दिखाई थी। इस डील से रिटेल सेक्टर की हाई प्रोफाइल कंपनी के टर्नअराउंड की संभावना बढ़ गई है। डील में सबसे ज्यादा रकम लगानेवाला पार्टनर्स ग्रुप इस कंसोर्शियम का सबसे बड़ा पार्टनर होगा, जबकि केदारा का माइनॉरिटी स्टेक होगा।

रिलायंस फ्रेश के फॉर्मर सीईओ गुनेंदर कपूर की अगुवाई में काम कर रही मौजूदा मैनेजमेंट टीम बनी रहेगी। टीपीजी ने डील के बारे में कॉमेंट करने से मना कर दिया है। केदारा और पार्टनर्स ग्रुप से भी संपर्क नहीं हो पाया है। ईटी ने सबसे पहले 23 अप्रैल को खबर दी थी कि पार्टनर्स और केदारा रिटेल कंपनी को खरीदने वाले हैं।

विशाल मेगा मार्ट के पास 204 स्टोर्स वाली देश की सबसे बड़ी फैशन सपॉर्टेड हाइपरमार्केट चेन है। इसके पास देशभर के 110 शहरों में 30 लाख वर्गफुट एरिया है। कंपनी ने फिस्कल ईयर 2016 में 3000 करोड़ रुपये का सेल्स रेवेन्यू कमाया था।

सेलर्स कंपनी की लगभग 5000 करोड़ रुपये का वैल्यूएशन लगने उम्मीद कर रहे थे। यह देश की छठी सबसे बड़ी होलसेल और वैल्यू रिटेलर की फिस्कल ईयर 2019 की लगभग 350 करोड़ रुपये इबिट्डा के 15-18 गुना के बराबर है। मल्टी ब्रैंड रिटेल में फॉरेन एंटिटीज की ऐंट्री पर रोक होने के चलते विशाल को दो हिस्सों में बांटना पड़ा था।

टीपीजी होलसेल प्राइवेट लिमिटेड और फ्रेंचाइजी फर्म थी जो कंपनी के बैकऐंड सोर्सिंग, फ्रेंचाइजी, मर्चेंडाइजिंग और लॉजस्टिक्स का काम देखती थी जबकि फ्रंट ऐंड रिटेल फर्म एयरप्लाजा रिटेल के पास था। टीपीजी होलसेल का नाम बाद में बदलकर विशाल मेगा मार्ट प्राइवेट लिमिटेड (VMMPL) कर दिया गया था, जिस पर पीई इनवेस्टर का मालिकाना हक था।

एयरप्लाजा पर श्रीराम डिस्ट्रीब्यूशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड का हक था। टीपीजी होलसेल विशाल मेगा मार्ट स्टोर्स को चलानेवाली एयरप्लाजा और दूसरी इंडिपेंडेंट फ्रेंचाइजी की फ्रेंचाइजर थी। सूत्रों ने बताया कि अब इंडिया में ऑल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड के तौर पर रजिस्टर्ड केदारा को लोकल एंटिटी माना जाएगा जबकि पार्टनर्स बैक ऐंड सपॉर्ट करनेवाली फॉरेन एंटिटी होगी।

2010 में टीपीजी के हाथों बिकने के बाद होलसेल यूनिट के लॉस में तेजी से कमी आई है। कंपनी की होलसेल यूनिट की सेल्स फिस्कल ईयर 2016 में 17% बढ़कर 1,346 करोड़ रुपये हो गई जो फिस्कल ईयर 2013 में 839 करोड़ रुपये था। इस दौरान रिटेल बिजनस की सेल्स 17% बढ़कर लगभग 1,900 करोड़ रुपये हो गई।

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