विनसम केस में जानकारी देंगे UAE के बैंक, 15 बैंकों को लगाया था 6800 करोड़ रुपये का चूना

सुगाता घोष, मुंबई
एक अहम कदम के तहत यूनाइटेड अरब अमीरात (UAE) ने अपने बैंकों को विनसम ग्रुप से जुड़ी सूचनाएं भारत को देने की इजाजत दे दी है। हीरों के कारोबार से जुड़ा विनसम ग्रुप भारत में बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के विजय माल्या के बाद दूसरा सबसे बड़ा विलफुल डिफॉल्टर है। ब्रिटिश बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक अधिकारी ने ईटी को बताया कि करीब एक हफ्ता पहले UAE के सेंट्रल बैंक ने वहां के बैंकों को इस निर्णय की जानकारी दी थी, जो वहां का बैंकिंग रेग्युलेटर है।

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स्टैंडर्ड चार्टर्ड का UAE में बड़ा नेटवर्क है। वह भारत में लेंडर्स के उस समूह का लीडर भी है, जिसने विनसम ग्रुप की दो कंपनियों- विनसम डायमंड्स ऐंड जूलरी और फॉरएवर को पैसा दिया था। विनसम डायमंड्स ऐंड जूलरी लिस्टेड कंपनी है। इन दोनों कंपनियों पर यहां 15 बैंकों के 6800 करोड़ रुपये बकाया हैं। विनसम ग्रुप की कंपनियों, उनकी सब्सिडियरीज और दुबई में उनके क्लाइंट्स के बैंक खातों में पैसा आने-जाने की जानकारी मिलने से सीबीआई को मनी ट्रेल का पता लगाने में मदद मिल सकती है।

सीबीआई विनसम केस में एक चार्जशीट पर काम कर रही है। वह बैंक एंट्रीज से मिली सूचना के आधार पर अपना केस बनाने की कोशिश करेगी कि इस ग्रुप ने उन रिलेटेड पार्टियों को पैसा ट्रांसफर कर बैंकों को चूना लगाया, जिन्होंने खुद को वैध कस्टमर्स के रूप में पेश किया था।

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अपनी कारोबारी हालत खराब होने के लिए स्टैंडर्ड चार्टर्ड पर दोष मढ़ते हुए और किसी भी गलत हरकत से इनकार करते हुए विनसम और उसके फाउंडर जतिन मेहता ने दावा किया था कि ग्रुप को साजिश का शिकार बनाया गया है। मेहता अब कैरेबियाई टैक्स हेवेन सेंट किट्स का नागरिक है। माना जा रहा है कि विनसम ग्रुप की कंपनियों के 2013 में डिफॉल्ट करने के बाद मेहता कभी भारत नहीं आया। उसने अपनी कंपनियों से भी खुद को दूर कर लिया है।

सीबीआई जांच से वाकिफ एक अन्य शख्स ने बताया, ‘सीबीआई ने UAE के सेंट्रल बैंक का इस केस में सपॉर्ट मांगने के लिए आरबीआई से संपर्क किया था। UAE के बैंकों से मिली सूचना जतिन मेहता की स्टोरी को वेरिफाई करने में अहम होगी। पीएनबी ने जो मनी ट्रेल ऑडिट किया, वह भारतीय बैंक खातों तक सीमिति है।’

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