वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने वाला भारतीय इसलिए नहीं जा सका ओलिंपिक

नई दिल्ली

अंडर-20 विश्व ऐथलेटिक्स चैम्पियनशिप में देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचने वाले भारत के युवा जैवलिन (भाला फेंक) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने बुधवार को कहा कि पीठ में आई समस्या के कारण वह अगले महीने होने वाले रियो ओलिंपिक-2016 में जाने से चूक गए।

हरियाणा के इस खिलाड़ी ने शनिवार को पोलैंड के बिडगॉश में हुई अंडर-20 विश्व ऐथलेटिक्स चैम्पियनशिप में वर्ल्ड रेकॉर्ड रचते हुए गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा वह ऐसे पहले भारतीय भालाफेंक खिलाड़ी हैं जिन्होंने किसी भी स्तर पर पहली बार गोल्ड मेडल हासिल किया।

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चोपड़ा ने टूर्नमेंट में 86.48 मीटर दूर भाला फेंका, लेकिन उन्होंने यह कारनामा ओलिंम्पिक के लिए क्वॉलिफाइ करने की अंतिम तारीख 18 जुलाई के बाद किया है। भारत लौटने पर चोपड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘अप्रैल में मेरी पीठ में चोट थी और इससे मेरी ओलिंपिक की तैयारी पर असर पड़ा। पोलैंड में मेरी कोशिश स्वर्ण पदक हासिल करने की थी, लेकिन मैं खुश हूं कि मैंने वर्ल्ड रेकॉर्ड अपने नाम किया। इस टूर्नमेंट के लिए मेरा आत्मविश्वास काफी ऊंचा था, लेकिन मैंने यह कभी नहीं सोचा था कि मैं वर्ल्ड रेकॉर्ड तोड़ दूंगा।’

नीरज ने कहा कि वह इस साल ओलिंपिक में नहीं जा पाने से निराश हैं, लेकिन उनकी कोशिश तोक्यो ओलिंपिक-2020 में जाने की होगी। उनके कोच ने भी उनकी प्रशंसा की। कोच ने कहा, ‘उनके पास शानदार तकनीक है वह अपने आप को अच्छी तरह संभालते हैं। अब हमें वापस जाने की जरूरत है और ज्यादा ताकत एवं ऊर्जा हासिल कर लड़ना है।’ खेल मंत्री विजय गोयल ने भी नीरज को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार देने की घोषणा की है।

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