वर्ल्ड कप तीरंदाजी: भारतीय पुरुषों ने कम्पाउंड टीम स्पर्धा में जीता गोल्ड
|भारत ने शनिवार को यहां तीरंदाजी विश्व कप के पहले चरण में अपना अभियान कम्पाउंड टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर समाप्त किया। पिछले साल के रियो ओलिंपिक के बाद पहली बड़ी प्रतियोगिता में भाग ले रहे रिकर्व तीरंदाज क्वॉर्टरफाइनल से आगे बढ़ने में असफल रहे। अतनु दास और दीपिका कुमारी अपने क्वॉर्टरफाइनल में हारकर बाहर हो गए। लेकिन गैर-ओलिंपिक कम्पाउंड वर्ग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए शिविर में खुशी की लहर ला दी जिसमें चौथे वरीय अभिषेक वर्मा, राजू चिन्ना श्रीथर और पदार्पण कर रहे अमनजीत सिंह शामिल थे।
बतौर टीम पहली बार भाग ले रही भारतीय टीम ने सुबह एकतरफा फाइनल में 10वीं वरीय कोलंबियाई टीम को 226-221 से शिकस्त दी, जिसमें कैमिलो कारडोना, डेनियल मुनोज और जोस कार्लोस ओसपिना शामिल थे। इससे पहले चौथी वरीय भारतीय टीम ने वियतनाम, विश्व चैंपियन ईरान और शीर्ष रैंकिंग की अमेरिकी टीम को हराकर कोलंबिया के खिलाफ फाइनल में प्रवेश किया। वर्मा ने पहली बार टीम स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता है और यह विश्व कप में उनका दूसरा स्वर्ण भी है।
उन्होंने कहा, ‘यहां आने से पहले हमने हर बारिकियों की रणनीति बनाई। हमने पूरे हफ्ते में काफी अच्छे तीर लगाए। हम दूसरे टीमों के सामने अच्छा प्रभाव डालना चाहते थे।’ इंचियोन एशियाई खेल 2014 के रजत पदकधारी को हालांकि दोपहर के सत्र में निराशा का मुंह देखना पड़ा क्योंकि वह ज्योत सुरेखा वेनाम के साथ कांस्य पदक के प्ले ऑफ में रियो विल्डे और जैमी वान नट्टा से करीबी मुकाबले से 151-153 से हार गए। दिल्ली के 27 वर्षीय वर्मा ने 2015 में व्रोकला विश्व कप के तीसरे चरण में व्यक्तिगत स्वर्ण अपने नाम किया था। उनके नाम 2014 में व्रोकला विश्व कप के चौथे चरण में मिश्रित स्पर्धा का रजत पदक और शंघाई 2015 विश्व कप के पहले चरण में टीम कांस्य पदक भी है।
कारडोना, ओस्पिना और मुनोज की कोलंबियाई तिकड़ी भारतीयों की बराबरी नहीं कर सकी, जिसने चार परफेक्ट 10 लगाकर पहले दौर में 58-57 की बढ़त बना ली। फिर उन्होंने चार परफेक्ट 10 से भारतीय टीम ने 58-56 से अपनी बढ़त (116-113) तीन अंक की कर ली। वर्मा, श्रीथर और सिंह ने हालांकि तीसरे दौर के अंत में थोड़ा निराशाजनक प्रदर्शन किया, लेकिन कोलंबियाई इसका फायदा नहीं उठा सके और यह 52-52 से बराबर रहा। लेकिन भारतीय टीम ने तीन अंक की बढ़त (168-165) बनाए रखी।
चौथे दौर के अंत में वर्मा की अगुवाई में टीम ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने चार 10 अंक बनाए और 58-56 से बढ़त बनाई। वर्मा और ज्योति कांस्य प्ले ऑफ में पहले दौर में विल्डे और जेमी के खिलाफ 38-39 से पिछड़ रहे थे। तीसरे दौर के अंत में वे 115-116 से पिछड़े हुए थे। उन्हें जीत के लिए 2 अंक की दरकार थी, लेकिन भारत ने 36 और अमेरिकी जोड़ी ने 37 अंक बनाए जिससे भारतीयों को निराशा हाथ लगी।
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