‘वन चाइना पॉलिसी’ हमारे साथ संबंध बनाने की बुनियादी शर्त”: चीन
|चीन ने कहा है कि दुनिया का कोई भी देश अगर चीन के साथ संबंध कायम करना चाहता है, तो उसे ‘वन चाइना’ नीति को मानना ही होगा। चीन के मुताबिक, किसी भी देश के साथ रिश्ते बनाने के लिए जरूरी है कि वह देश इस नीति को लेकर सहमत हो। चीन के विदेश मंत्री वांग इ ने कहा कि ‘वन चाइना’ नीति से किसी भी देश को छूट नहीं दी जा सकती है। उन्होंने यह बात फ्रांस के विदेश मंत्री के साथ बातचीत के दौरान कही।
मालूम हो कि अमेरिका के नए निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में ताइवान की राष्ट्रपति के साथ फोन पर की गई बातचीत को लेकर चीन ने नाराजगी जताई थी। चीन ताइवान को पारपंरिक तौर पर अपना ही हिस्सा मानता है। पिछले 4 दशक से अमेरिका ने चीन के साथ अपने संबंधों को देखते हुए ताइवान से दूरी बनाकर रखी है। ‘वन चाइना नीति’ को अपना समर्थन देते हुए अमेरिका ने पिछले करीब 40 साल से ताइवान को चीन का ही हिस्सा माना है।
फ्रांस के विदेश मंत्री जॉन मार्क ऐरो से बात करते हुए वांग ने कहा कि ताइवान का मसला चीन की संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता के लिहाज से काफी अहम है। इस बात की जानकारी चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार देर शाम दी। इसमें वांग के हवाले से कहा गया, ‘किसी भी देश को अगर चीन के साथ अपने संबंध बनाने हैं, तो ‘वन चाइना’ नीति इसका बुनियादी आधार है। जब बात इस नीति की होती है, तो कोई भी देश इसे मानने से बच नहीं सकता। किसी को भी रियायत नहीं मिल सकती।’ बयान के मुताबिक, वांग ने फ्रांस द्वारा ‘वन चाइना नीति’ को लेकर स्पष्ट रवैया बरतने की तारीफ की। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और उसने शक्ति का इस्तेमाल कर उसे अपने कब्जे में करने की संभावना से भी कभी इनकार नहीं किया है। ताइवान की स्वतंत्रता चीन के लिए काफी संवेदनशील मुद्दा है।
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