लाल बत्ती कार में बैठकर घिरे गोपाल राय
| आम आदमी पार्टी के सभी नेता सार्वजनिक रूप से कहते रहे हैं कि वह वीआईपी और लाल बत्ती कल्चर के खिलाफ हैं, लेकिन दिल्ली में सरकार बनने के बाद पार्टी और मंत्री इस मुद्दे पर लगातार घिरते दिख रहे हैं। अभी पिछले हफ्ते ही दिल्ली सरकार के एक कार्यक्रम में वीआईपी और वीवीआईपी लोगों के लिए अलग गेट को लेकर विवाद हुआ था। अब दिल्ली के परिवहन मंत्री गोपाल राय लाल बत्ती लगी गाड़ी में बैठे दिखे। इस सप्ताह की शुरुआत में गोपाल राय लिच्छवी एक्सप्रेस से दिल्ली से यूपी के मऊ स्थित अपने गांव गए थे। स्टेशन से वह यूपी सरकार की लाल बत्ती लगी गाड़ी में तो निकले ही, उनके साथ गाड़ियों का लंबा काफिला भी था। वीआईपी कल्चर का विरोध करने वाले गोपाल राय के साथ वहां के एसडीएम और आरटीओ भी उनके काफिले के साथ थे ताकि उन्हें किसी तरह की दिक्कत न हो। इस मामले में एनडीटीवी से बात करते हुए गोपाल राय ने सफाई दी कि उन्होंने लाल लाल बत्ती हटवा दी थी। हालांकि, टीवी पर दिखाए गए विडियो में साफ दिख रहा था कि जिस गाड़ी में गोपाल राय सवार थे उसमें लाल बत्ती लगी हुई थी और उसका नंबर उत्तर प्रदेश का है। गाड़ियों के काफिले पर उन्होंने कहा कि बहुत सारे लोग स्टेशन पहुंच गए थे और वे मेरे साथ मेरे गांव तक गए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक गाड़ियों में लालबत्ती लगाने की मंजूरी सिर्फ संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों मसलन, राष्ट्रपति, राज्यपाल, पीएम, सीएम और विधानसबा के स्पीकर, देश के मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों को है। कोर्ट ने यह भी कहा था कि पुलिस, सेना, ऐंबुलेंस, फायर ब्रिगेड या ऐसे ही किसी काम के लिए निश्चित वाहन को छोड़कर अन्य किसी भी गाड़ी में लालबत्ती लगाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए।
(गोपल राय के फेसबुक पेज से ली गई तस्वीर)
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