रोहित वेमुला को इंसाफ दिलाने के लिए जंतर-मंतर पर मार्च
|कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी मंगलवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्र रोहित वेमुला के लिए इंसाफ की मांग कर रहे छात्रों के मार्च में शामिल हुए। यह मार्च जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा आयोजित किया गया और इसमें कई संस्थानों के छात्र शामिल हुए। उन्होंने जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार के लिए भी इंसाफ की मांग की।
राहुल गांधी ने कहा,’रोहित वेमुला ने भारत के भविष्य के बारे में बात की। लेकिन आरएसएस सिर्फ पिछले दिनों की बात करता है। जब मैं हैदराबाद यूनिवर्सिटी गया तो मैंने सुझाव दिया था कि एक ऐसा कानून बनाया जाना चाहिए जिससे यूनिवर्सिटीज में भेदभाव खत्म हो। हमें एक ऐसे कानून की जरूरत है जिससे यूनिवर्सिटी में छात्रों की आवाज दबाई न जा सके।’ इस मार्च में तिरंगा, नीले और लाल झंडे लिए छात्रों, बुद्धिजीवियों और ऐक्टिविस्टों ने जंतर-मंतर पर मार्च किया। इस प्रदर्शन को ‘चलो दिल्ली’ का नाम दिया गया है जिसमें रोहित वेमुला के परिजन भी शामिल हैं। इसके अलावा कन्हैया कुमार की रिहाई की मांग करने वाले छात्र और ऐक्टिविस्ट भी इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा कि वह छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के मद्देनजर मार्च में शामिल होंगे। उन्होंने ट्वीट किया कि मैं दोपहर बाद रोहित वेमुला के परिवार और बाकी छात्रों से बातचीत करने जंतर-मंतर जाऊंगा। गौरतलब है कि सीएम अरविंद केजरीवाल रोहित के मामले को लेकर सक्रिय हैं। वह हैदराबाद यूनिवर्सिटी भी गए थे।
Will go to jantar mantar sometime in the afternoon today to express solidarity with Rohith’s family n to speak to students
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) February 23, 2016
छात्रों ने विरोध मार्च झंडेवालान स्थित आंबेडकर भवन से शुरू किया और यह जंतर-मंतर पर जाकर खत्म हुआ। मार्च में बड़ी तादाद में जेएनयू, डीयू, जामिया आदि यूनिवर्सिटी के छात्र शामिल हुए। छात्रों के अलावा इस मार्च ‘आप’ और लेफ्ट पार्टियों के कई नेता भी शामिल हैं। मार्च में शामिल होने के लिए स्टूडेंट बैनर और तख्तियां लिए हुए इकट्ठे होने शुरू हो गए थे। इसमें आम आदमी पार्टी के विधायक और वॉलंटियर्स भी पार्टियां की टोपियां और रोहित के समर्थन में लिखी तख्तियां लेकर पहुंचे। विरोध मार्च जंतर-मंतर पर जाकर खत्म हुआ। यहां ज्वाइंट ऐक्शन कमेटी फॉर सोशल जस्टिस ने कार्यक्रम का आयोजन किया।
जैसे ही यह मार्च शुरू हुआ, प्रदर्शनकारियों ने झंडे लहराना और नारे लगाना शुरू कर दिया। एक ऐक्टिविस्ट ने कहा,’हमने ऐसी एन्टी-स्टूडेंट सरकार कभी नहीं देखी। शैक्षणिक संस्थानों का भविष्य खतरे में है।’ प्रदर्शनकारियों ने मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति इरानी और केंद्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय के खिलाफ ऐक्शन की भी मांग की।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।