रेप की घटना से व्यथित हो बना लड़की, अब दस्तावेज में जेंडर बदलने की कर रहा मांग

इलाहाबाद
यूपी बोर्ड अपने एक पुराने स्टूडेंट के आवेदन से पशोपेश में फंस गया है। इस आवेदन में की गई मांग से संबंधित निर्देश जारी करने का अधिकार बोर्ड के पास नहीं है, क्योंकि इसका जिक्र इंटरमीडिएट एजुकेशन ऐक्ट 1921 में भी नहीं है। अब बोर्ड ने सरकार से इस संबंध में मदद मांगी है। मामला एक पुराने छात्र के जेंडर चेंज कर फीमेल बनने से जुड़ा है। स्टूडेंट अब बोर्ड के दस्तावेजों में खुद को छात्रा दर्ज कराना चाहता है, लेकिन ऐक्ट में प्रावधान न होने से बोर्ड यह बदलाव नहीं कर पा रहा है।

बोर्ड के सूत्रों के मुताबिक, मामला लखनऊ का है। जहां से इस स्टूडेंट ने 2011 में हाई स्कूल की परीक्षा दी थी। इसने एक लड़की के साथ हुई रेप की घटना से व्यथित होकर अपना जेंडर ही चेंज करवा लिया और लड़की बन गया। यह बात उसने बोर्ड के अधिकारियों को फोन पर बताई। अपने आवेदन में इस स्टूडेंट ने बोर्ड के रिकॉर्ड में खुद को फीमेल जेंडर दर्ज करने का अनुरोध किया है। फिलहाल यह नोएडा में रह रहा है और इसके लिए कई बार रिमाइंडर भी भेज चुका है। यही नहीं बोर्ड से होने वाली बातचीत की जानकारी इसने मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों को भी दी है।

बोर्ड के साथ परेशानी यह है कि यूपी इंटरमीडिएट एजुकेशन ऐक्ट 1921 में भी इससे संबंधित कोई दिशा-निर्देश नहीं है। ऐसे में अधिकारियों के सामने अजीब स्थित पैदा हो गई है। इसलिए बोर्ड ने शासन को पत्र लिखकर दिशा-निर्देश मांगा है। अब बोर्ड ने इस स्टूडेंट से मेडिकल सर्टिफिकेट भी मांगा है। हालांकि, इस पूर्व स्टूडेंट ने अब तक बोर्ड को सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं कराया है। बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने बताया कि इस संबंध में शासन से स्पष्ट संस्तुति मांगी गई है। बोर्ड के सामने इस तरह का यह पहला मामला है।

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