रितु के लिए ‘बजरंगी भाईजान’ बने हबीब

मसूरी, गाजियाबाद
यहां बात बॉर्डर पार जाने की नहीं, लेकिन एक हिंदू लड़की को 7 महीने तक अपने घर पनाह देने और उसके परिजनों से मिलाने के लिए कड़ी जद्दोजहद करने की जरूर है। पहली लाइन से किस्सा सलमान खान की बजरंगी भाईजान जैसा लगता है, जिसे असली जिंदगी में अंजाम दिया है मसूरी में रहने वाले हबीब ने। उन्हें 7 महीने पहले 9 साल की एक बच्ची गाजियाबाद में भटकती मिली। हबीब ने पुलिस कंप्लेंट भी की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। उन्होंने खुद ही जद्दोजहद करते हुए अपनी तलाश पूरी की और अब उस बच्ची को उसके घर पहुंचा दिया।

मां से बिछड़ गई थी रितु
अलीगढ़ की रहने वाली मंजू 7 जनवरी को गाजियाबाद में अपने बेटे का इलाज कराने आई थीं। उनके साथ बड़ी बेटी रितु (9 वर्ष) भी थी। मंजू रितु को हॉस्पिटल में बैठाकर दवा लेने गई थीं। थोड़ी देर बाद वह लौटीं तो बच्ची का कुछ पता नहीं चला। उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन रितु का सुराग नहीं लग सका।

खाना मांग रही थी बच्ची
मसूरी में रहने वाले हबीब ने बताया कि उस दिन वह किसी काम से गाजियाबाद गए थे। रास्ते में एक बच्ची घर में खाना मांगती मिली। उसने पूछताछ में मां से बिछड़ने की जानकारी दी। हबीब ने मसूरी पुलिस से भी कंप्लेंट की।

बेटी की तरह रखा साथ
हबीब बताते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति कुछ खास नहीं है। इसके बावजूद बच्ची को अकेले छोड़कर जाना उन्हें अच्छा नहीं लगा। घर में उन्होंने रितु को अपनी बेटी की तरह ही रखा। इस दौरान वह उसके घर व परिजनों के बारे में भी पूछते रहे।

ईद में मिला परिजनों का पता
हबीब ने ईद के दिन अपने बच्चों के साथ रितु को भी मेले में जाने के लिए रुपये दिए थे। इसके बाद सभी बच्चे रफीकाबाद गए थे। वहां रितु के कुछ रिश्तेदार रहते हैं, जिन्होंने उसे पहचान लिया। मसूरी पुलिस ने हबीब को सम्मानित भी किया है।

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