रिटायरमेंट हाउसेज में इन्वेस्ट कर रही हैं भारत की सिंगल महिलाएं

शोभिता धर
भारत में अधेड़ और बुजुर्ग सिंह महिलाएं अब रिटायरमेंट हाउसेज में दिल खोलकर इन्वेस्ट कर रही हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं विधवा हैं और जिनके बच्चे उनसे दूर रहते हैं। तलाकशुदा और अविवाहित महिलाएं भी बढ़-चढ़कर रिटायरमेंट कम्युनिटीज में निवेश कर रही हैं।

कसौली में एक रिटायरमेंट रिजॉर्ट आमोक्ष के फाउंडर संजय बताते हैं कि उनके रिजॉर्ट में 10 पर्सेंट बुकिंग्स सिर्फ सिंगल महिलाओं ने की है। संजय कहते हैं,’यह एक नया ट्रेंड है। तलाकशुदा और अविवाहित सिंगल महिलाएं आत्मनिर्भर होकर रहना चाहती हैं। ऐसे में वे रिटायरमेंट रिजॉर्ट को प्राथमिकता दे रही हैं। हमारे लिए यह बिजनस काफी अहम होता जा रहा है।’ आमोक्ष रिजॉर्ट में एक स्टूडियो अपार्टमेंट 45 लाख और 2-बीएचके अपार्टमेंट 90 लाख में बुक किया जा सकता है।

अंतरा सीनियर लिविंग की सीईओ तारा सिंह का भी कुछ ऐसा ही मानना है। उन्होंने बताया,’जब मैंने देहरादून में अंतरा शुरू किया तब मेरे टारगेट कस्टमर्स में सिंगल महिलाएं शामिल नहीं थी। लेकिन मुझे यह देखकर सुखद आश्चर्य हुआ कि वे लग्जरी अपार्टमेंट्स में बढ़-चढ़ कर इन्वेस्ट कर रही हैं।’ 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत में तकरीबन 1.5 लाख सिंगल महिलाएं हैं।

एज वेंचर्स के सीईओ अरुण गुप्ता कहते हैं,’भारतीयों के निवेश करने के तरीके में तेजी से बदलाव आ रहा है। मैंने नोटिस किया है कि अब लोग अपने रिटायरमेंट की योजनाओं को गंभीरता से ले रहे हैं।’

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