राष्ट्रपति ने सात खून करने वाले ‘प्रेमियों’ की दया याचिका खारिज की

अमरोहा
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शबनम और सलीम नाम के प्रेमियों की दया याचिका खारिज कर दी है। ये दोनों सात लोगों के कत्ल के दोषी पाए गए हैं। आठ साल पहले लड़की ने प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। पिछले साल सितंबर में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने उनकी दया याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद यह राष्ट्रपति के पास लंबित थी।

इन दोनों ने अमरोहा के बहमन गढ़ी में साल 2008 में सात लोगों की हत्या की थी, जिनमें एक 10 महीने का बच्चा भी शामिल था। लड़की के परिवार वाले उनके रिश्ते के विरोध में थे इसलिए इन्होंने परिवार के सात लोगों को मार दिया। हालांकि इन दोषियों के वकील का कहना है कि इनकी समीक्षा याचिका सुप्रीम कोर्ट में है इसलिए इन्हें अभी फांसी नहीं दी जा सकती है।
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मुरादाबाद जेल के वरिष्ठ अधीक्षक बी. आर. वर्मा ने बताया, ‘शबनम हमारी जेल में है। अभी हमें राष्ट्रपति कार्यालय से कोई विज्ञप्ति नहीं मिली है। हालांकि उनके वकील ने एक पत्र लिखकर सूचना दी है कि उनकी दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दी गई है ताकि अपेक्स कोर्ट के फैसले तक फांसी न हो सके।’ शबनम ने जो उस समय प्रेगनेंट थी, अपने बेरोजगार प्रेमी सलीम के साथ हत्या की साजिश की थी। उसने 14 अप्रैल 2008 को अपने परिवार वालों की चाय में जहरीला पदार्थ मिला दिया था। इसके बाद सलीम उसके घर में घुस आया और सात लोगों का गला रेत दिया। अमिकस क्यूरी, दुष्यंत पाराशर ने कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि शबनम बच्चे की मां है, जो उनकी मौत के बाद अनाथ हो जाएगा। उन्होंने अपेक्स कोर्ट से उनकी उम्र को देखते हुए उम्रकैद की मांग की थी, लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

इस स्टोरी को अंग्रेजी में पढ़ेंः President rejects mercy plea of lovers who killed seven

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