यूपी में चुपके-चुपके बिकने लगा भैंस का मीट

मेरठ
यूपी में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद अवैध बूचड़खानों पर रोक के कारण मांस की दुकानों पर ताले लगने शुरू हो गए। वध के लिए मवेशियों की खरीद-बिक्री पर रोक के सरकार के आदेश का भी उनपर काफी असर हुआ है। वहीं अब ढाई महीने के बाद राज्य में भैंस के मांस की बिक्री चुपके-चुपके हो रही है।

मेरठ में मीट विक्रेता भैंस को अपने घर में मार रहे हैं, क्योंकि वैध बूचड़खाने मौजूद नहीं हैं। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इस पर सहानुभूति भरा रवैया अपनाने की जरूरत है। अधिकारी ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, ‘हम लोगों को कब तक उनकी पसंद की चीज खाने से रोकेंगे। मीट विक्रेता खुश हैं, लेकिन सतर्क भी हैं।’

खैर नगर एक मीट विक्रेता ने बताया, ‘दो महीने बाद हम अपना व्यवसाय कर रहे हैं। हमने लाइसेंस के लिए नगरनिगम से कई बार संपर्क किया, लेकिन अधिकारियों ने कुछ नहीं किया। रमजान के शुरू होने के बाद उन्होंने हमसे कहा कि हम शांतिपूर्वक मीट बेच सकते हैं। हम पूरी तरह उनकी दया पर निर्भर हैं।’

इधर, गुदड़ी बाजार के मीट विक्रेता ने कहा कि जानवरों की आपूर्ति बहुत कम हो रही है। उन्होंने बताया, ‘केंद्र के मवेशियों के लिए लाए गए कानून और गोरक्षकों के भय से मंडी गायब हो गई है।’

पुलिस अधिकारी इस संबंध में बताते हैं, ‘समस्या मार्च में शुरू हुई थी। अब जून हो चुकी और रमजान चल रहा है। हम किसी एक तबके को मांस खाने से वंचित नहीं कर सकते। हमें रमजान के दौरान मुसलमानों को छूट देनी होगी।’

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