यात्री किराए में ‘इनोवेशन’ और ज्यादा माल भाड़े से रेलवे की रेकॉर्ड कमाई

रजत अरोड़ा, नई दिल्ली
रेलवे को हाल में खत्म हुए वित्त वर्ष में 1.68 लाख करोड़ का रेकॉर्ड रेवेन्यू हासिल हुआ है। सरकार ने फ्रेट ट्रैफिक पर फोकस बढ़ाकर और यात्री किराए में इनोवेटिव कदमों के जरिये रेवेन्यू को बढ़ाया है। 31 मार्च 2017 को खत्म वित्त वर्ष में रेलवे ने 1.107 अरब टन की माल ढुलाई की और इस साल के 1.094 अरब टन के टारगेट को पार किया। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया कि इस वित्त वर्ष के लिए यह टारगेट 1.2 अरब टन है।

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रेलवे के लिए यह परफॉर्मेंस बेहद अहम है। वित्त वर्ष 2017 में रेलवे के फ्रेट और पैसेंजर ट्रैफिक में भारी गिरावट आई थी। मंत्रालय की तरफ से उठाए गए कदमों के कारण रेलवे को ग्रोथ की पटरी पर लौटने में मदद मिली। पिछले वित्त विर्ष में पैसेंजर ग्रोथ सेगमेंट का रेवेन्यू तकरीबन 48,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। यह उससे पिछले साल के मुकाबले 2,000 करोड़ रुपये ज्यादा है। फ्रेट रेवेन्यू 1.09 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि उससे पिछले साल यह आंकड़ा 1.04 लाख करोड़ था। नॉन कोर रेवेन्यू मसलन स्क्रैप सेल्स, ऐड राइट्स आदि से इनकम कुल 11,000 करोड़ रुपये रही।

प्रभु ने बताया, ‘बेहद चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद हमने काफी अच्छा किया है। समय-समय पर उठाए गए कदमों के कारण हम डिमांड में गिरावट के पूर्वानुमान में सफल रहे और इससे हम ट्रैफिक को वापस लाने में सफल रहे।’ मंत्रालय ने पिछले साल जो कदम उठाए, उनमें कुछ कमोडिटीज पर अडिशनल डिस्काउंट, फ्रेट पर कई तरह के चार्ज को खत्म करना और प्रीमियम पैसेंजर ट्रेन के लिए इनोवेटिंग प्राइसिंग सिस्टम शामिल हैं।

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वित्त वर्ष 2016 में भारतीय रेलवे ने 1.62 लाख रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था। वित्त वर्ष 2017 में रेकॉर्ड बनाने के बाद रेलवे अगले वित्त वर्ष में और बेहतरी की उम्मीद कर रहा है। रेल मंत्री ने बताया, ‘हमने जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। रैक की उपलब्धता है और कई कमोडिटीज की मांग में पहले से तेजी है। पिछले वित्त वर्ष में कई तरह के फ्रेट रिफॉर्म हुए है, जिसका बड़ा असर अब दिखेगा।’

रेल बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद ने बताया कि रेलवे को पिछले वित्त वर्ष में 2 करोड़ टन कोयला ढोने का बिजनस गंवाना पड़ा। हालांकि, आयरन ओर की ढुलाई से इसकी भरपाई हो गई। इसने पिछले वित्त वर्ष में 13.7 करोड़ टन के आयरन ओर की ढुलाई की, जबकि इससे पहले के वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 11.7 करोड़ टन था। उन्होंने बताया, ‘पिछली बार हमने पेइचिंग ओलंपिक के दौरान बड़ी मात्रा में आयरन ओर की ढुलाई की। उस वक्त चीन से इसकी जबर्दस्त मांग थी।’

हालांकि, रेलवे की वित्तीय सेहत में सुधार के बावजूद इसका ऑपरेटिंग रेशो 95 फीसदी के ऊंचे स्तर बना हुआ है। लिहाजा, इसके पास सेफ्टी और मेंटेनेंस के पास काफी कम फंड है। वित्त विर्ष 2016 में यह रेशो 94 फीसदी था।

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