यहां छप्‍पर फाड़ बरस रहीं लक्ष्‍मी, वहां कंगाली का बसेरा, जानें किधर जा रही दुनिया

एक ओर आम आदमी दो जून की रोटी के लिए रात दिन जद्दोजहद में जुटा है तो वहीं धनकुबेर दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर रहे हैं। पढ़ें अरबपतियों की बढ़ती संख्‍या पर दिलचस्‍प रिपोर्ट…

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