यमुना एक्सप्रेसवे पर प्लांट लगा सकती है पतंजलि आयुर्वेद
|रवि तेजा शर्मा, नई दिल्ली योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद दिल्ली के पास मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने की तैयारी कर रही है। उत्तर भारत में कंपनी के प्रॉडक्ट्स की मांग बढ़ रही है। इसे पूरा करने के लिए कंपनी ने यहां प्लांट लगाने का फैसला किया है। यह प्लांट उत्तर प्रदेश में यमुना एक्सप्रेस पर प्रस्तावित पतंजलि यूनिवर्सिटी कैंपस के पास लगाया जा सकता है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी इसके लिए यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) से 200 एकड़ का प्लॉट 320 करोड़ में खरीदने की बातचीत कर रही है। वहीं, यूनिवर्सिटी के लिए 150 एकड़ जमीन 240 करोड़ रुपये में खरीदने का उसका इरादा है। YEIDA के चीफ एग्जिक्युटिव अरुण वीर सिंह ने बताया, ‘वे हमसे इंडस्ट्रियल लैंड खरीदने के लिए बात कर रहे हैं। उनका इरादा यहां प्लांट लगाने और यूनिवर्सिटी खोलने का है। पतंजलि फैसला करने के बाद जमीन अलॉटमेंट के लिए आवेदन करेगी।’ वहीं, पतंजलि आयुर्वेद ने इस बारे में ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब खबर लिखे जाने तक हमारे सहयोगी अखबार को नहीं दिए थे।
पतंजलि आयुर्वेद नूडल्स, शैंपू से लेकर साबुन तक बेचती है। कंपनी की सेल्स 31 दिसंबर 2015 तक के 6 महीनों में 64 प्रतिशत बढ़कर 731 करोड़ रुपये रही थी। बाबा रामदेव की कंपनी बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। पतंजलि की ग्रोथ के चलते प्रतिद्वंद्वी आयुर्वेदिक कंपनियों की सेल्स भी बढ़ी है। इस दौरान डाबर और हिमालया की सेल्स ग्रोथ डबल डिजिट में रही है। यह जानकारी आईएमआरबी डेटा से मिली है। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान कन्ज़यूमर प्रॉडक्ट्स का बाजार सिर्फ 6 प्रतिशत बढ़ा है।
क्रेडिट रेटिंग फर्म ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुताबिक, पतंजलि आयुर्वेद का प्रोविजनल टर्नओवर फाइनेंशियल ईयर 2016 के पहले 10 महीनों में 3,266.97 करोड़ रुपये था। वहीं, इससे साल भर पहले कंपनी की सेल्स 1,587.51 करोड़ रुपये रही थी। अभी कंपनी के पास उत्तराखंड के हरिद्वार में एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है। इस प्लांट को 10 साल पहले लगाया गया था। यह फैक्टरी 150 एकड़ जमीन पर है। ऐसी खबर आई थी कि पतंजलि अगले दो साल में चार नए प्लांट्स खोलने की सोच रही है। जबरदस्त ग्रोथ को मैनेज करने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है।
पतंजलि की शुरुआत 1997 में हरिद्वार में छोटी फार्मेसी के तौर पर हुई थी। 2006 में कंपनी ने पर्सनल केयर, फूड और बेवरेज प्रॉडक्ट्स बेचने की शुरुआत की। 2014 में इसके सामान 200 पतंजलि आउटलेट्स के जरिये बेचे जा रहे थे, जबकि आज फ्रेंचाइजी ओन्ड स्टोर्स से इसकी पहुंच 5,000 स्टोर्स तक हो गई है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी इसके लिए यमुना एक्सप्रेस वे इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) से 200 एकड़ का प्लॉट 320 करोड़ में खरीदने की बातचीत कर रही है। वहीं, यूनिवर्सिटी के लिए 150 एकड़ जमीन 240 करोड़ रुपये में खरीदने का उसका इरादा है। YEIDA के चीफ एग्जिक्युटिव अरुण वीर सिंह ने बताया, ‘वे हमसे इंडस्ट्रियल लैंड खरीदने के लिए बात कर रहे हैं। उनका इरादा यहां प्लांट लगाने और यूनिवर्सिटी खोलने का है। पतंजलि फैसला करने के बाद जमीन अलॉटमेंट के लिए आवेदन करेगी।’ वहीं, पतंजलि आयुर्वेद ने इस बारे में ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब खबर लिखे जाने तक हमारे सहयोगी अखबार को नहीं दिए थे।
पतंजलि आयुर्वेद नूडल्स, शैंपू से लेकर साबुन तक बेचती है। कंपनी की सेल्स 31 दिसंबर 2015 तक के 6 महीनों में 64 प्रतिशत बढ़कर 731 करोड़ रुपये रही थी। बाबा रामदेव की कंपनी बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। पतंजलि की ग्रोथ के चलते प्रतिद्वंद्वी आयुर्वेदिक कंपनियों की सेल्स भी बढ़ी है। इस दौरान डाबर और हिमालया की सेल्स ग्रोथ डबल डिजिट में रही है। यह जानकारी आईएमआरबी डेटा से मिली है। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान कन्ज़यूमर प्रॉडक्ट्स का बाजार सिर्फ 6 प्रतिशत बढ़ा है।
क्रेडिट रेटिंग फर्म ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुताबिक, पतंजलि आयुर्वेद का प्रोविजनल टर्नओवर फाइनेंशियल ईयर 2016 के पहले 10 महीनों में 3,266.97 करोड़ रुपये था। वहीं, इससे साल भर पहले कंपनी की सेल्स 1,587.51 करोड़ रुपये रही थी। अभी कंपनी के पास उत्तराखंड के हरिद्वार में एक मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है। इस प्लांट को 10 साल पहले लगाया गया था। यह फैक्टरी 150 एकड़ जमीन पर है। ऐसी खबर आई थी कि पतंजलि अगले दो साल में चार नए प्लांट्स खोलने की सोच रही है। जबरदस्त ग्रोथ को मैनेज करने के लिए ऐसा करना जरूरी हो गया है।
पतंजलि की शुरुआत 1997 में हरिद्वार में छोटी फार्मेसी के तौर पर हुई थी। 2006 में कंपनी ने पर्सनल केयर, फूड और बेवरेज प्रॉडक्ट्स बेचने की शुरुआत की। 2014 में इसके सामान 200 पतंजलि आउटलेट्स के जरिये बेचे जा रहे थे, जबकि आज फ्रेंचाइजी ओन्ड स्टोर्स से इसकी पहुंच 5,000 स्टोर्स तक हो गई है।
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