मोदी सरकार की अटल पेंशन योजना की ये हैं कमियां

नई दिल्ली

हाल ही में नोटिफाई की गई अटल पेंशन योजना (एपीवाई) में कई कमियां हैं जो इसके मकसद का मजाक उड़ाती मालूम पड़ती हैं। इसकी एक शर्त यह है कि इस योजना का पात्र वही व्यक्ति हो सकता है जो इनकम टैक्स चुकाने के दायरे में न आता हो यानी वह इनकम टैक्स न चुकाता हो।

भले ही सरकार का मकसद नेक हो कि इस योजना का असंगठित क्षेत्र के कामगारों को ही लाभ मिले और दूसरा कोई इसका गलत फायदा न उठा सके लेकिन, इसमें कई पेच है, अगर किसी व्यक्ति की आमदनी इनकम टैक्स के दायरे में हो और वह जानबूझकर इनकम टैक्स न चुकाता हो, उसको रोकने का कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है।

इसके अलावा यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह इनकम टैक्स का जो प्रतिबंध इस योजना में है, वह किस स्थिति के लिए है। क्या यह प्रतिबंध सिर्फ पहली बार इसके लिए कॉन्ट्रिब्यूशन देते समय लागू होगा या हर साल? मान लिया जाये कि किसी व्यक्ति की पहले कॉन्ट्रिब्यूशन के समय आय इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती है और बाद में उसकी आय बढ़ जाती है तो क्या प्रावधान होगा? क्या उस व्यक्ति को इसके लाभ से वंचित कर दिया जायेगा?

इसमें एक शर्त यह भी है कि इस योजना के पात्र सिर्फ वही लोग होंगे जो असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं और योजना में शामिल होते समय किसी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा स्कीम का लाभ नहीं उठा रहे हों। अगर किसी व्यक्ति को इस योजना में शामिल होने के बाद संगठित क्षेत्र में नौकरी मिलने पर क्या उसे इसके लाभों से वंचित कर दिया जायेगा?

इस योजना में एक शर्त लगातार 24 महीने तक फंड का कॉन्ट्रिब्यूशन है। 24 महीने तक लगातार इस योजना के लिए फंड कॉन्ट्रिब्यूट न करने पर खाता बंद कर दिया जायेगा। लेकिन, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि खाते में जो रकम जमा होगी, उसका क्या होगा? क्या जमा किया गया पूरा पैसा डूब जायेगा? क्योंकि 60 साल आयु होने से पहले पैसे को वापस निकालने का कोई प्रावधान नहीं है। एक और सबसे बड़ी कमी है कि मौत या गंभीर बीमारी की स्थिति में पैसे सिर्फ पेंशन के रूप में ही मिलेंगे।

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