मोदी ने भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन दिया, विश्व अर्थव्यवस्था में भारत ‘आकर्षक जगह’: जेटली

नई दिल्ली
केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को कहा कि बीते 4 साल में मोदी सरकरार ने ‘भ्रष्टाचार मुक्त’ प्रशासन दिया है और भारत आज विदेशी निवेश पर निर्भर ‘पांच उभरती अर्थव्यवस्थाओं’ की सूची से निकलकर वैश्विक मंच पर ‘आकर्षक गंतव्य’ बन गया है। जेटली ने केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए सरकार के 4 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया वेबसाइट ‘फेसबुक’ पर अपनी टिप्पणी में यह बात कही है। उन्होंने कहा है कि अब सरकार का ध्यान, अब तक की गई पहलों को मजबूत बनाने पर रहेगा।

जेटली ने लिखा है कि इसे पहले यूपीए सरकार के 10 सालों में देश में स्वतंत्रता के बाद, सबसे भ्रष्ट सरकार देखने को मिली थी। उन्होंने लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विधायी व संस्थागत बदलावों के जरिए पारदर्शी प्रणालियां स्थापित की हैं, जिससे इस देश को भ्रष्टाचार मुक्त सरकार मिली है। यूपीए के विपरीत, प्रधानमंत्री (मोदी) अपनी पार्टी व देश, दोनों के स्वाभाविक नेता हैं।’ जेटली के अनुसार देश ने अनिर्णय की स्थिति से स्पष्टता व निर्णायकता की ओर यात्रा शुरू की है। उन्होंने लिखा है, ‘वैश्विक आर्थिक मोर्चे पर भारत उभरती कमजोर 5 अर्थव्यवस्थाओं की सूची से निकलकर आकर्षक गंतव्य बन गया है। नीतिगत मोर्चे पर अपंगता वाली सरकार की जगह फैसलों व कार्रवाई वाले प्रशासन ने ली है।’

जेटली का कहना है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है और वह आने वाले कई सालों तक यहां बना रहेगा, इसकी पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि देश का ‘मूड’ निराशा से उम्मीद और आकांक्षाओं से भर चुका है। जेटली ने कहा, ‘बेहतर राजकाज और अच्छे अर्थशास्त्र में अच्छी राजनीति का मिश्रण हुआ है। इसका परिणाम यह हुआ है कि बीजेपी को आज अधिक भरोसा है। पार्टी का भौगोलिक आधार व्यापक हुआ है, सामाजिक आधार बढ़ा है और उसके जीतने की क्षमता काफी बढ़ी है।’

कांग्रेस की आलोचना करते हुए जेटली ने कहा कि पार्टी सत्ता से दूर रहकर हताश है। उन्होंने कहा कि मोदी ने ऐसी प्रणाली स्थापित की है जहां ‘विवेकाधिकारों’ को समाप्त कर दिया गया है। मंत्री ने कहा, ‘विवेकाधिकारों से अधिकारों के दुरुपयोग की आशंका होती है क्योंकि उनका दुरुपयोग किया जा सकता है। ठेकों, प्राकृतिक संसाधनों, स्पेक्ट्रम आदि का आबंटन अब बाजार आधारित व्यवस्था से होता है जबकि पहले उन्हें ‘विवेकाधिकारों’ पर बांटा जा रहा था।’ केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘कानूनों को बदला गया है। उद्योगपति अब बार-बार साउथ ब्लॉक, नार्थ ब्लॉक या उद्योग भवन की यात्रा करते नजर नहीं आते। पर्यावरणीय मंजूरी के लिए फाइलों का ढेर नहीं लगता है।’ जेटली ने कहा कि भारत ने खुद को कर का अनुपालन नहीं करने वाले समाज से कर अनुपालन समाज में बदला है।

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