मोदी ने अब तक सिर्फ बातें की हैं, मैं ऐक्शन देखना चाहता हूं: जिम रॉजर्स
|मोदी ने अब तक सिर्फ बातें की हैं। उनकी सरकार को आए 9 महीने हो गए हैं। अब मैं कुछ ऐक्शन देखना चाहता हूं। विदेशी निवेशक मोदी की बातों से कुछ आजिज आ रहे हैं। वह शेयर बाजार के अलावा देश की मदद नहीं कर रहे हैं। मैं शेयर बाजार में तेजी से खुश हूं क्योंकि मेरे पास भारतीय कंपनियों के शेयर हैं, लेकिन मुझे यह नहीं पता है कि कब तक मैं और दूसरे ग्लोबल इनवेस्टर्स भारत में अपना पैसा लगाए रखेंगे।
क्या विदेशी निवेशक भारत को लेकर बेसब्र हो रहे हैं?
अभी ग्लोबल इनवेस्टर्स भारतीय शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट से खुश हैं। दुनिया के सारे बड़े सेंट्रल बैंक अभी नए नोट छाप रहे हैं। जापान, यूरोप, ब्रिटेन और अमेरिका में नए नोट छापे जा रहे हैं। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इसलिए ग्लोबल बैंकिंग सिस्टम में काफी कैश है। इसमें से काफी पैसा दुनियाभर के शेयर बाजारों में भी आ रहा है। भारत को भी इसका फायदा हुआ है। इसलिए विदेशी निवेशकों का मूड अच्छा है। हालांकि हमें यह याद रखना चाहिए कि यह लंबे समय तक नहीं चल सकता। अगली बार जब ग्लोबल क्राइसिस सामने आएगी, तब हालात बहुत बुरे होंगे क्योंकि कई देशों का कर्ज बढ़ रहा है।
विदेशी निवेशकों का इंटरेस्ट बनाए रखने के लिए भारत क्या कर सकता है?
भारत को अपनी इकॉनमी को और खोलना चाहिए। इसी वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है, जितनी तेजी से उसे बढ़ना चाहिए था।
आरबीआई की मॉनिटरी पॉलिसी के बारे में आपका क्या कहना है? इनवेस्टर्स का एक वर्ग इसकी आलोचना कर रहा है।
आरबीआई के गवर्नर दुनिया के बेहतरीन सेंट्रल बैंकर्स में से एक हैं। काश! वह अमेरिकी फेडरल रिजर्व और दुनिया के दूसरे सेंट्रल बैंकों में होते। वह प्रॉब्लम को समझते हैं। वह जानते हैं कि क्या करना चाहिए। हालांकि उनकी कुछ मजबूरियां हैं। उन्हें भारतीय नेताओं और पब्लिक से डील करना है।
क्या क्रूड ऑयल का बुरा वक्त खत्म हो गया है?
अमेरिका और सऊदी अरब ने मार्केट में क्रूड ऑयल की सप्लाई बढ़ा दी थी, जिससे ईरान और रूस पर दबाव बढ़ा है। क्रूड ऑयल में गिरावट राजनीतिक वजहों से आई है। अगर ईरान और रूस पश्चिमी देशों से डील कर लेते हैं तो क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ने लगेगी।
आप गोल्ड को लंबे समय से पसंद करते आए हैं। अब आपका उस पर क्या नजरिया है?
मेरे पास पहले से गोल्ड है। मैं अभी सोना नहीं खरीद रहा हूं। मुझे लगता है कि अगले साल कम दाम पर गोल्ड खरीदने का मौका मिलेगा।
ग्रीस के चलते यूरो जोन मुश्किल में दिख रहा है। इस पर आपका क्या कहना है?
यूरोपियन यूनियन का बचे रहना मुश्किल है। वह कई प्रॉब्लम्स का सामना कर रहा है। अगर यूरो जोन से ग्रीस बाहर निकल जाता है तो यह अच्छा नहीं होगा। इससे दुनिया भर के शेयर बाजारों पर बुरा असर होगा। हालांकि लॉन्ग टर्म में यह ग्लोबल स्टॉक और करेंसीज मार्केट्स के लिए अच्छा होगा।