मोदी के लिए बनारस में दिन रात काम कर रहे गुजराती

विकास पाठक, वाराणसी
वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के ओर से शुरू किए गए सफाई अभियान में गुजरात से आए सैकड़ों लोग अपनी हिस्सेदारी सुनिश्चित कर रहे हैं। यह अभियान 16 मई तक चलेगा। इसी दिन मोदी सरकार के एक साल पूरे हो रहे हैं। वाराणसी को सजाने-संवारने में गुजरात की संस्थाओं से लेकर उद्योगपतियों के कमर कसने से बनारस की ‘खुशबू’ में गुजराती ‘तड़का’ इन दिनों चर्चा में है।

इसी काम में गुजरात से वाराणसी तक की लंबी दूरी बस से तय कर पहुंचे जवान, बूढ़े-बच्चे और महिलाएं की टीम झाड़ू और बेलचा लेकर सड़कों-गलियों में पहुंचे। टीम में शामिल करीब ढाई सौ सदस्यों को छोटे समूह में बांट इलाकावार सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रोज सुबह और शाम तीन-तीन घंटे गुजराती सफाई करने संग स्वच्छता के प्रति जागरूक भी करेंगे।

प्लान कायाकल्प
सांसद सीआर पाटिल की अगुवाई में गुजरात टीम ने शहर के विकास से जुड़ी योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से कायाकल्प करने का प्लान तैयार किया है। इनकी सोच ऐसा बनारस बनाने की जो मोदी के गुजरात की तरह और उनकी सोच-पसंद के मुताबिक हो। बनारस से जुड़ी हर एक चीज को नए लुक में देश-दुनिया के सामने पेश करने की तैयारी है। सांसद सीआर पाटिल की मानें तो आस्था-परंपरा से बगैर छेड़छाड़ के नई छवि सामने आने पर बनारसी वाह-वाह करेंगे।

टूरिस्ट प्लेस मॉडर्न लुक में
गुजरात टीम का फोकस बनारस के टूरिस्ट प्लेस को नया लुक देने का है। प्रथम चरण में महाश्मशान मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट पर काम पूरा होने पर लगेगा ही नहीं कि ये वही पुराने घाट हैं। टूरिस्टों को नौका विहार का अलग ही आनंद मिलेगा। घाटों पर नावें एक रंग में दिखेंगी तो सजी नावों पर बैठ घूमने के लिए गद्दा होगा। घाटों पर पंडों की चौकियां और छतरियां भी एक रंग में होंगी। गंगा आरती को हाईटेक करने के साथ टूरिस्ट फ्रेंडली रिक्शे और पहली खेप में एक हजार ई-रिक्शा बनारस की सड़कों पर उतारने की योजना है।

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