महज पांच घंटे के इस ऑपरेशन ने उड़ा दिए थे पाक आतंकियों के होश, बिछा दी थीं लाशें
|हर किसी जवान की निगाहें सीधे अपने टार्गेट पर लगी थीं। मकसद था देखो और मारो। हुआ भी यही।
हर किसी जवान की निगाहें सीधे अपने टार्गेट पर लगी थीं। मकसद था देखो और मारो। हुआ भी यही।