भारत ही नहीं विदेशी टूरिस्टों के लिए भी खास है यहां का दशहरा
|मैसूर का दशहरा देखने दूर-दूर से आते हैं टूरिस्ट भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मैसूर का दशहरा प्रसिद्ध है। यहां छह सौ सालों से अधिक पुरानी परंपरा वाला यह पर्व ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ कला, संस्कृति और आनंद का अद्भुत सामंजस्य भी है। यह पारंपरिक उत्सव दस दिन तक चलता है। मैसूर में उत्सव के अंतिम दिन बैंड बाजे के साथ सजी हुई हाथी देवी की प्रतिमा को पारंपरिक विधि के अनुसार बन्नी मंडप तक पहुंचाते हैं। करीब 5 किमी लंबी इस यात्रा के बाद रात को आतिशबाजी होती है। यह अब एक अंतरराष्ट्रीय उत्सव बन गया है। इसमें शामिल होने के लिए देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से पर्यटक मैसूर पहुंचते हैं। तेज रोशनी में नहाया मैसूर महल, फूलों और पत्तियों से सजे चढ़ावे, सांस्कृतिक कार्यक्रम खेल-कूद, गोम्बे हब्बा, जम्बो सवारी पर्यटकों को खासतौर पर आकर्षित करती है। मैसूर अपने विशाल महलों, सिल्क की साड़ियों व प्राकृतिक छटा के लिए मशहूर है। यहां वृंदावन गार्डन भी पर्यटकों में खासा लोकप्रिय है। कैसे पहुंचें: मैसूर में हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन…