भारत-श्रीलंका ने चार समझौतों पर साइन किए

कोलंबो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली श्रीलंका यात्रा के दौरान आज दोनों देशों के बीच चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, साथ ही रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण इस पड़ोसी देश के साथ गठजोड़ मजबूत करने के उद्देश्य से कई पहलों की घोषणा की गई। वीजा, कस्टम ड्यूटी, युवा विकास और श्रीलंका में रवींद्रनाथ टैगोर स्मारक के निर्माण को लेकर दोनों देशों के बीच समझौते हुए। इसके अलावा नई दिल्ली से कोलंबो के लिए सीधी फ्लाइट सर्विस भी शुरू होगी।

गौरतलब है कि पिछले 28 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली द्विपक्षीय यात्रा है। हिंद महासागर में स्थित तीन द्वीपीय-देशों की यात्रा के अंतिम चरण में शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना से मुलाकात की और द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा की। मोदी ने सिरिसेना के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘मैं इस यात्रा के महत्व के प्रति सजग हूं। यह 1987 के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।’ सिरीसेना जनवरी में सत्तासीन होने के बाद पिछले महीने अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि राष्ट्रपति सिरिसेना के साथ उनकी बैठक बेहद सफल रही। उन्होंने कहा, ‘इससे मुझे हमारे रिश्तों के भविष्य के बारे में भरोसा और उम्मीद दिखती है। मोदी ने कहा, ‘हमारे सीमा कस्टम विभागों के बीच आज हुआ समझौता इसी दिशा में एक कदम है। इससे व्यापार करना आसान होगा और दोनों तरफ गैर-शुल्क बाधाएं घटेंगी। दोनों देशों द्वारा की गई प्रगति से मजबूत आर्थिक सहयोग की साझा प्रतिबद्धता जाहिर होती है।’ उन्होंने कहा ‘हमारे व्यापार में पिछले दशक में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है। मुझे भारत के साथ आपकी व्यापार चिंताओं के बारे में पता है। जैसा कि मैंने दिल्ली में कहा था हम इसे सुलझाने की कोशिश करेंगे।’

मोदी ने कहा कि भारत त्रिंकोमाली को पेट्रोलियम का बड़ा केंद्र बनाने में मदद के लिए तैयार है। साथ ही उन्होंने घोषणा की कि नई दिल्ली रेलवे क्षेत्र में श्रीलंका के लिए 31.8 करोड डॉलर तक की नई ऋण सुविधा मुहैया कराएगा। उन्होंने कहा कि इसका इस्तेमाल रेलवे के लिए इंजन, डिब्बे और अन्य जरूरी सामान खरीदने और मौजूदा रेलवे ट्रैक की मरम्मत और उन्नयन के लिए किया जाएगा।

इस मौके पर भारतीय प्रधानमंत्री ने भारत-श्रीलंका के बीच मछुआरों के मुद्दे को बेहद जटिल करार देते हुए कहा कि यह आजीविका और मानवीय चिंता से जुड़ा मुद्दा है और दोनों पक्षों को इसका दीर्घकालिक समाधान खोजने की जरूरत है। सिरीसेना के साथ बातचीत के बाद जारी बयान में मोदी ने कहा कि यह दोनों ओर के मछुआरा असोसिएशन के लिए भी महत्वपूर्ण है कि वे जल्द से जल्द बैठक करें और दोनों पक्षों के लिए स्वीकार्य समाधान तक पहुंचें, जिसे बाद में दोनों देशों की सरकारें आगे बढ़ाएंगी।

तमिल बहुल उत्तरी इलाके को शक्तियां सौंपने के मुद्दे पर मोदी ने कहा कि 13वें संशोधन के जल्द और पूर्ण क्रियान्वयन से समानता, न्याय और सम्मान आधारित संयुक्त श्रीलंका के निर्माण की प्रक्रिया में मदद मिलेगी। उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंध मजबूत करने पर भी जोर देते हुए कहा कि वह राष्ट्रपति सिरीसेना के भारत दौरे के कुछ ही समय बाद श्रीलंका का दौरा कर प्रसन्न हैं। मोदी ने कहा, ‘वास्तव में दो देशों के बीच इसी प्रकार चीजें होनी चाहिए। यह साझा चिंताओं का समाधान ढूंढने में मदद करेगा और संबंध को आगे ले जाएगा।’

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Navbharat Times

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