ब्रिक्स बैंक ‘काम की पहल’ है: रघुराम राजन

शंघाई
रिजर्व बैंक के प्रमुख रघुराम राजन ने ब्रिक्स देशों द्वारा शुरू किए गए नव विकास बैंक (एनडीबी) को एक ‘काम का उद्यम’ बताते हुए कहा कि इसकी शुरुआत अच्छी हुई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए बैंक से बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं में निवेश और फंडिंग को बल मिलने की उम्मीद जगी है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ‘इसकी शुरुआत अच्छी हुई है। हमें इसकी सफलता की कामना करनी चाहिए। हमें देखना होगा कि यह किस दिशा में जाता है। उम्मीद है यह बुनियादी ढांचे में इन्वेस्टमेंट और फंडिंग को शक्ति देगा।’ राजन G20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के प्रमुखों के सम्मेलन के सिलसिले में आये हैं।

ब्रिक्स बैंक की स्थापना समूह के पांच सदस्यों ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ने की है। ये प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाएं G20 की भी सदस्य हैं। आरबीआई गवर्नर राजन ने एनडीबी इसे ‘ब्रिक्स देशों की सहभागिता’ बताया। उन्होंने कहा कि हम कंटिंजंसी रिजर्व फंड (सीआरए) के लिए समझौता पहले ही कर चुके हैं। देखना है कि यह कैसे आगे चलता है। इसके साथ ब्रिक्स देशों के बीच पारस्परिक सहयोग की ढेर सारी उम्मीदें जुड़ी हैं।

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उन्होंने इसे एक काम को उद्यम करार दिया। वह इस बैंक का मुख्यालय शंघाई में स्थापित करने के लिए चीन सरकार और इस बैंक के बीच हुए समझौते के लिए आयोजित समारोह में शामिल हुए। बैंक के पहले प्रमुख केवी कामत के साथ समझौते पर हस्ताक्षर के बाद चीन के विदेश मंत्री वांग ई ने कहा कि एनडीबी ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग का आधारभूत मंच है। उन्होंने कहा कि इस समूह के ज्यादातर सदस्य इस समय आर्थिक नरमी के शिकार हैं, लेकिन वे विश्व अर्थव्यवस्था और राजनीति में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका आगे भी बरकरार रखेंगे।

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