बीजेपी बदल देगी एमसीडी के अपने नेता

नई दिल्ली
नॉर्थ और ईस्ट एमसीडी में मेयर और डेप्युटी मेयर के चुनावों के बाद स्टैंडिंग कमिटी के सदस्यों और चेयरमैन का चुनाव अब तक नहीं होने से प्रदेश नेतृत्व खासा खफा है। मामला इतना गंभीर हो चुका है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने ईस्ट और नॉर्थ एमसीडी में सदन के नेता के तौर पर एमसीडी के जिन नए नेताओं के नामों का ऐलान किया था, अब वे उन्हें हटाने पर विचार कर रहे हैं। साथ ही चुनाव में हो रही बेवजह की देरी को लेकर प्रदेश नेतृत्व ने इन नेताओं से जवाब भी तलब किया है। इसे लेकर एमसीडी और प्रदेश ऑफिस में कई तरह की अफवाहों और अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है।

पिछले महीने बीजेपी ने तीनों एमसीडी के लिए नए मेयर और डेप्युटी मेयर के साथ ही सदन के नेता और स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन, डेप्युटी चेयरमैन और मेंबर पद के प्रत्याशियों के लिए नए नामों का ऐलान किया था। मेयर और डेप्युटी मेयर का चुनाव तो हो गया, लेकिन नई स्टैंडिंग कमिटी का गठन तभी होगा, जब सारे मेंबर चुन लिए जाएंगे और फिर वे मिलकर नए चेयरमैन और डेप्युटी चेयरमैन का चुनाव करेंगे। स्टैंडिंग कमिटी के चुनाव संपन्न होने के बाद ही सदन के नेता का चुनाव होगा, तब जाकर नए हाउस के गठन की प्रक्रिया पूरी हो पाएगी।

बीजेपी नेतृत्व चाहता था कि नई स्टैंडिंग कमिटी का गठन जल्द से जल्द हो, ताकि विकास कार्यों को तेज किया जा सके, क्योंकि अब लोकसभा चुनाव में भी एक साल का ही वक्त बाकी रह गया है और बूथ लेवल पर सारा दारोमदार इसी बात पर निर्भर करेगा कि एमसीडी कैसा काम करती है। यही वजह है कि प्रदेश नेतृत्व अब एमसीडी के काम में तेजी लाना चाहता है।

तकनीकी रूप से स्टैंडिंग कमिटी के चेयरमैन और डेप्युटी चेयरमैन के चुनाव तभी हो सकते हैं, जब स्टैंडिंग कमिटी के सभी सदस्यों और जोनल कमिटियों के चेयरमैन व अन्य सदस्यों का चुनाव हो जाए। तिवारी ने नॉर्थ एमसीडी में सदन के नेता पद के नए प्रत्याशी तिलकराज कटारिया और ईस्ट एमसीडी के प्रत्याशी निर्मल जैन को निर्देश दिया था कि जोनल कमिटियों के चुनाव जल्द से जल्द कराएं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि तिवारी से सलाह मशविरा किए बिना ही इन नेताओं ने चुनाव की प्रक्रिया कुछ समय के लिए टाल दी, जिसकी जानकारी मिलने के बाद से तिवारी खासे खफा हैं।

सूत्रों के मुताबिक, अब उन्होंने तिलकराज कटारिया और निर्मल जैन से न केवल पार्टी हाईकमान के निर्देश का पालन न करने की वजह पूछी है, बल्कि वह इन दोनों नेताओं को पद से हटाने पर भी विचार कर रहे हैं।

12 मई के बाद चुनाव
एमसीडी और पार्टी के कुछ अन्य नेता इसे बड़ा मसला न मानते हुए कह रहे हैं कि असल में पार्टी के कई बड़े नेता और पदाधिकारी इन दिनों कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनावों के प्रचार में व्यस्त हैं, इसी वजह से चुनाव टाले गए हैं और 12 मई के बाद चुनाव करा लिए जाएंगे। जबकि तिवारी ने पार्टी के दो महामंत्रियों के साथ मिलकर पिछले बुधवार को ही तीनों एमीसडी की जोनल कमिटियों के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन समेत 12 पार्षदों के नाम फाइनल कर लिए थे, लेकिन कहा जा रहा है कि कर्नाटक गए प्रदेश के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन के कहने पर चुनाव टाले गए हैं।

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