बीएस बस्सी बन सकते हैं भारत के नए CIC

नई दिल्ली

भीम सेन बस्सी के रिटायर होने के बाद राजधानी को अगले महीने एक नया पुलिस कमिश्नर मिल जाएगा। ‘आप’ की सरकार बनने के बाद से बस्सी ‘आप’ और बीजेपी के बीच हो रही जंग में फंसे हुए हैं। बस्सी भारत के चीफ इन्फर्मेशन कमिश्नर बनने की दौड़ में शामिल हैं।

सूत्रों के मुताबिक बस्सी के अलावा लगभग 300 लोग इस पद की दौड़ में शामिल हैं। 2 दिसंबर को वरिष्ठ नौकरशाह विजय शर्मा के रिटायरमेंट के बाद यह पद खाली हो जाएगा। उन्होंने इसी साल यह पद संभाला था। उनकी नियुक्ति को लेकर कांग्रेस और केंद्र सरकार के बीच काफी बहस हुई थी।

विपक्षी पार्टी ने मोदी प्रशासन पर लंबे समय तक इस पद को खाली रखने का आरोप लगाया था। कमिश्नर के तौर पर बस्सी का कार्यकाल भी बीजेपी और ‘आप’ के बीच हुए विवाद में फंसा रहा। दिल्ली की सरकार दिल्ली पुलिस पर नियंत्रण की मांग करती रही, जबकि बीजेपी उनकी इस मांग के खिलाफ है। दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने दिल्ली के हालात के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया, क्योंकि दिल्ली पुलिस उनके नियंत्रण में नहीं है।

बस्सी का कार्यकाल फरवरी, 2016 में समाप्त हो रहा है, लेकिन अगर उन्हें सीआईसी के लिए चुना जाता है तो वह स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले सकते हैं। इसके लिए गठित पैनल 15 दिसंबर को नाम की घोषणा कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक बस्सी का कार्यकाल बहुत ही अच्छा रहा, जिसमें कानून व्यवस्था संबंधी समस्याएं नहीं आईं। कई मामले भी सुलझाए गए, जिसकी वजह से केंद्र सरकार उन्हें ‘रिटायरमेंट से पहले नौकरी’ दे सकती है।

साथ ही, दिल्ली पुलिस कमिश्नर बनने की रेस भी शुरू हो गई है, जिसमें 1979 बैच के आईपीएस ऑफिसर आलोक कुमार वर्मा सबसे आगे हैं। वर्तमान में वह जेलों के महानिदेशक हैं और मिजोरम और पुडुचेरी में डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस के तौर पर सेवा प्रदान कर चुके हैं। इसके अलावा दो स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस दीपक मिश्रा और धर्मेंद्र कुमार भी इस रेस में शामिल हैं, जो वर्मा से पांच बैच जूनियर हैं।

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