बाढ़ में डूब गए आईटी कंपनियों के 40,000 करोड़ रुपये

चेन्नै

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में आई बाढ़ ने यूं तो जान और माल का बड़ा नुकसान किया ही है। लेकिन आईटी कंपनियों के लिए भी यह बाढ़ आफत का सबब बन गई है। आईटी सेक्टर से जुड़े लोगों का मानना है कि इस बाढ़ के चलते उनके कारोबार को 60 मिलियन डॉलर यानी करीब 40,200 करोड़ रुपये की चपत लगी है। मिड साइज फर्म्स को 5 से 10 मिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है, जबकि बड़ी कंपनियों को 50 मिलियन डॉलर तक की भारी चपत लगी है।

कॉग्निजंट, इंफोसिस, टीसीएस और अन्य कंपनियां अपने एंप्लॉयीज को बसों के जरिए लगातार बेंगलुरु भेज रही हैं। अब तक इन कंपनियों के करीब 2,000 एंप्लॉयीज बेंगलुरु पहुंच चुके हैं। आईटी कंपनियों का एचआर विभाग अपने एप्लॉयीज और ऑफिस की स्थिति के बारे में जानने के लिए फिक्रमंद हैं। अब भी कई एंप्लॉयीज हैं, जो अब तक बाढ़ के चलते घरों में ही फंसे हुए हैं।

आईटी सेक्टर के अलावा ऑटोमोबाइल कारोबार का भी बाढ़ में बड़ा नुकसान हुआ है। चेन्नै में आए बाढ़ के पानी में ऑटोमोबाइल सेक्टर के भी 15,000 करोड़ रुपये डूब गए हैं। एसोचैम के मुताबिक छोटे एवं मध्यम लघु उद्योगों, इंजिनियरिंग, टेक्सटाइल्स और टूरिज्म सेक्टर को भी इस बाढ़ ने बड़ी चपत लगाई है। ह्यूंदै, निसान, अशोक लेलैंड और रॉयल एनफील्ड जैसी दिग्गज कंपनियों ने गुरुवार से ही अपना कारोबार बंद कर रखा है। गौरतलब है कि दक्षिण भारत के लिए चेन्नई बड़ा ऑटो पार्ट्स हब है।

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