बहुत हो गया, अब कतर पर लगाए गए प्रतिबंध हटाए सऊदी अरब: अमेरिका

अमेरिका ने सऊदी अरब से कतर पर लगाए गए प्रतिबंधों को खत्म करने की मांग की है। अपने पहले विदेशी दौरे पर सऊदी की राजधानी रियाद पहुंचे अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेओ ने सऊदी के विदेश मंत्री आदिल अल जुबैर से कहा कि अब विवाद को समाप्त करने की जरूरत है। न्यू यॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह जानकारी अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।

आपको बता दें कि पिछले साल जून में सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) समेत कुछ खाड़ी देशों ने कतर पर प्रतिबंध लगाए थे। सऊदी और यूएई ने कतर पर आतंकवाद के लिए फंडिंग करने, ईरान से संबंध बढ़ाने और विद्रोहियों का साथ देने का आरोप लगाया था।

पोम्पेओ से पहले अमेरिका के विदेश मंत्री रहे रेक्स टिलर्सन ने भी विवाद को हल करने के लिए मध्यस्थता की कोशिश की थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी। सऊदी ने रेक्स टिलर्सन की बातों को इसलिए नजरअंदाज कर दिया था क्योंकि उसे पता था कि टिलर्सन का अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से तनावपूर्ण संबंध था। विवाद के शुरुआती दिनों में डॉनल्ड ट्रंप ने सऊदी का पक्ष लिया था जिससे भी सऊदी का हौसला बुलंद था। लेकिन पोम्पेओ की स्थिति इसके उलट है। पोम्पेओ डॉनल्ड ट्रंप के काफी करीब हैं। ऐसे में सऊदी ज्यादा दिनों तक पोम्पेओ को नजरअंदाज नहीं कर सकता है। दूसरी तरफ कतर ने भी सऊदी और अन्य खाड़ी देशों के प्रतिबंध का मुकाबला करने के लिए अमेरिका से बेहतर संबंध बनाने की कोशिश शुरू कर दी है। कतर ने वॉशिंगटन से संबंध सुधारने के लिए लाखों डॉलर रुपये खर्च कर दिए जिसका परिणाम हाल के दिनों में सामने आया है। ट्रंप के साथ हाल ही में कतर के अमीर तमीम बिन हमाद अल सानी की मीटिंग हुई थी जिसमें डॉनल्ड ट्रंप ने कतर का पुरजोर समर्थन किया था।

दरअसल अमेरिका की ओर से हुई इस पहल का सबसे बड़ा कारण मिड्ल ईस्ट की कुछ प्रमुख घटनाओं को प्राथमिकता देना है। अमेरिका फिलहाल ईरान से निपटने, इराक और सीरिया में स्थिति बेहतर बनाने, इस्लामिक स्टेट के बचे हुए आतंकियों को हराने और यमन में गृह युद्ध को समाप्त करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इसके लिए खाड़ी देशों का एकजुट और मजबूत होना जरूरी है। पोम्पेओ जिस दिन रियाद पहुंचे उसी दिन यमन में विद्रोही हौथी सेनाओं ने सऊदी के जिजान प्रांत में आठ मिसाइलों को मार गिराया।

यमन की बिगड़ती स्थिति अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। अमेरिका के प्रभावी सीनेटर्स ने सऊदी अरब को हथियारों की बिक्री पर पाबंदी लगाने के लिए चर्चा करना शुरू कर दिया है। सऊदी के कमजोर हवाई हमले और यमन के पोर्टों पर पाबंदी लगाने से यमन में मानवीय स्थिति काफी खराब हुई है।

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