बहराइच में बाढ़ का कहर, दो की मौत
|नेपाल और भारत में लगातार हो रही बरसात एवं नेपाल की पहाड़ी नदियों से आए पानी के कारण जिले में बाढ़ आ गई है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पिछले दो दिनों में दो बच्चों की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई है। इन बच्चों में महसी की सविता (12) और इसी गांव का सीतेश सिंह (5) शामिल हैं। महसी एवं कैसरगंज तहसील के तमाम स्कूलों में पानी भर गया है।
जिलाधिकारी अजय दीप सिंह ने सोमवार को बताया कि घाघरा नदी दो स्थानों पर खतरे के निशान से उपर बह रही है। घाघरा नदी पर बने रेलवे के एल्गिन ब्रिज पर ट्रेनों की रफ्तार कम की गई है। एनडीआरएफ के जवानों ने 650 लोगों को बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। उन्होंने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री देने एवं सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल एवं एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया है।
पिछले तीन दिनों में घाघरा एवं सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से जिले की महसी, कैसरगंज एवं नानपारा तहसील की 32 ग्राम पंचायतों के कुल 106 मजरे बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इनमें सर्वाधिक महसी तहसील के 18 गांवों के 56 मजरे शामिल हैं जबकि कैसरगंज तहसील के 9 गांवों के 31 मजरे तथा नानपारा तहसील में 5 गांवों के 19 मजरे बाढ़ से प्रभावित हैं।
उन्होंने बताया कि जिले में दो स्थानों पर नदी का पानी सोमवार को घटा है लेकिन एल्गिन ब्रिज पर घाघरा नदी खतरे के निशान से 63 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। उन्होंने बताया कि बाढ़ राहत एवं सुरक्षा के लिए एनडीआरएफ की कंपनियों के साथ एसएसबी, जिला पुलिस एवं राजस्व कर्मियों को लगाया गया है। बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं पशु चिकित्सकों को बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजा गया है। 11,162 हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित है। नाव एवं मोटरबोट लगाकर 22 बाढ़ चौकियों के माध्यम से राहत कार्य को अंजाम दिया जा रहा है।
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