बसपा के पूर्व मंत्री और उनके बेटे समेत पांच पर मुकदमा दर्ज
|बसपा के पूर्व मंत्री कैलाश सिंह यादव के साथ उनके पुत्र और पूर्व विधायक सुनील सिंह यादव, सपा नेता रमेश वैश्य, वेद प्रकाश यादव और अजीत के खिलाफ दो सौ बीघा वन भूमि कब्जा करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। अनपरा वन रेंज के जोगेंद्रा में लगभग 50 हेक्टेयर वन भूमि पर इन नेताओं के कब्जे का यह मुकदमा वर दारोगा रफीक अहमद की तहरीर पर दर्ज किया गया है।
सूबे में बीएसपी सरकार के दौरान इन नेताओं ने वन भूमि पर अवैध कब्जा किया था। वन भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर दो साल पहले प्रदेश के तत्कालीन मुख्य वन संरक्षक भू-अभिलेख एवं वन बंदोबस्त ए के जैन ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। इस रिपोर्ट के सुर्खियों में आने के बाद ए के जैन का तबादला कर दिया था। एनजीटी ने बाद में धारा चार के तहत आने वाली जमीनों के जांच का आदेश दिया, तब एक बार फिर इसकी जांच-पड़ताल शुरू हुई।
वनविभाग ने जमीन की नापजोख करवाई तो दो सौ बीघा कब्जे की पुष्टि हुई, जिसके बाद इसी महीने एंटी भू माफिया समिति की बैठक में इस प्रकरण को लेकर मुकदमा दर्ज कराने आदेश दिया गया। फिलहाल वन विभाग ने पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक सहित पांच के खिलाफ प्रशासन ने मुकदमा तो दर्ज करा दिया है लेकिन सैकड़ों एकड़ भूमि को माफियाओं से खाली कराना प्रशासन के लिये टेढ़ी खीर दिख रहा है।
वनभूमि पर कब्जे की फेहरिश्त है बहुत लंबी
सोनभद्र जिले में वनभूमि पर कब्जा कराने वालों की फेहरिश्त बहुत लंबी है। वाराणसी-शक्तिनगर मार्ग पर ओबरा वन प्रभाग में बग्घानाला के निकट सौ बीघे, म्योरपुर वन प्रभाग के जोरूखाड़ के पास पचास बीघा व घुमननगर में 50 बीघा वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर बस्तियां बना ली गई हैं। वन भूमि पर अतिक्रमण की दास्तां सोनभद्र में लम्बी है। ओबरा और चोपन थाना क्षेत्र बग्घानाला व ओबरा के शारदा मन्दिर के समीप अतिक्रमणकारियों ने सौ बीघे वन भूमि पर कब्जा जमा लिया है। वहीं आदिवासियों ने तो वन भूमि पर कब्जा जमा लिया है।
बग्घानाला पर सौ बीघे जमीन को आदिवासियों से खाली कराना प्रशासन के लिए अग्नि परीक्षा साबित होगी। इसी की आड़ में पूंजीपति भी प्रमुख जगहों पर वन भूमि पर कब्जा कर पेट्रोल पम्प व शॉपिंग कॉम्पलैक्स तक बना लिए हैं। खनन की मोटी रकम कमाने की लालच में पहले पहाड़ो से हरे-भरे पेड़ काट उन्हें वीरान बना कर मनचाही जगहों पर जमकर पत्थर खनन किया गया। विण्ढमगंज थाना क्षेत्र के जोरूखाड़ से लगे वन क्षेत्र को ही देखा जाए तो यहां अतिक्रमणकारियों ने पचास बीघा वन भूमि पर कब्जा कर सोननगर नाम से एक बस्ती बसा दी है।
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