बल्ला नहीं, हुनरमंद बल्लेबाज मारता है छक्का: वॉर्नर

चेन्नै/बेंगलुरु, द्वैपायन दत्ता और मनुजा वीरप्पा
बीते कुछ वर्षों में क्रिकेट ने काफी बदलाव देखे हैं। बल्ले का किनारा लगकर गेंद बाउंड्री के पार जाना अब आम हो गया था। गेंद और बल्ले के बीच की जंग का यह खेल काफी हद तक बल्लेबाजों के पक्ष में झुकता सा नजर आ रहा था। इस बात को ध्यान में रखते हुए इंटरनैशनल क्रिकेट काउंसिल ने नियमों में कुछ बदलाव करने का फैसला किया। नए नियमों के अनुसार बल्ले की गहराई और मोटाई पर अंकुश लगाने का निर्णय लिया गया। अब बैट का किनारा 40एमएम से मोटा नहीं हो सकता, वहीं बल्ले की गहरायी भी 67एमएम से अधिक नहीं हो सकती।

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इस समय मौजूदा क्रिकेट में 10 ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्हें अपना बल्ला बदलना पड़ेगा। डेविड वॉर्नर और महेंद्र सिंह धोनी उनमें शामिल हैं। जहां वॉर्नर के बल्ले की मोटाई 85एमएम थी, जो नई सीमा से 18एमएम अधिक है वहीं धोनी 45एमएम मोटे बल्ले से खेलते रहे हैं। विराट कोहली समेत अन्य भारतीय खिलाड़ियों का बल्ला पहले से ही नियमों के अंदर है।

वॉर्नर से नए बैट से साथ काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मेरे बल्ले बदले जा चुके हैं। मैं पिछले दो सप्ताह से उन्हें इस्तेमाल कर रहा हूं। बांग्लादेश में मैंने उन्हें इस्तेमाल किया। असल में देखा जाए तो मैंने इसी तरह के बैट से अपने करियर की शुरुआत की थी।’

वहीं स्पिनर युजवेंद्र चहल ने इस बात की पुष्टि की उन्हें भारतीय खिलाड़ियों द्वारा बैट बदले जाने की कोई जानकारी नहीं है। एक सूत्र ने कहा कि खिलाड़ी इसे लेकर बहुत जल्दी में नहीं हैं क्योंकि ये नियम अगली सीरीज से ही प्रभाव में आएंगे। सूत्र ने कहा, ‘इन नए नियमों को लेकर कोई भी परेशान नहीं है। पहली बात यह है कि ये बदलाव मौजूदा सीरीज के लिए नहीं हैं और दूसरा यह कि हर किसी को इस बदलाव से गुजरना होगा तो किसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।’

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वहीं वॉर्नर का कहना है कि यह अपनी शुरुआत पर जाने जैसा ही है। नैशनल क्रिकेट अकादमी के बल्लेबाजी कोच डब्लूवी रमन ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ‘युवा भारतीय बल्लेबाजों पर इसका खास असर नहीं होगा। पहला बात, मोटे बल्ले कस्टमाइज किए जाते हैं और कुछ बड़े खिलाड़ियों को दिए जाते हैं। मुझे नहीं लगता कि एनसीए में कोई भी युवा खिलाड़ी ऐसे बल्ले से खेलता है। दूसरी बात, बल्ले के आकार से ज्यादा बल्लेबाज का हुनर मायने रखता है। अगर किसी खिलाड़ी के पास हुनर है, तभी वह गेंद को मैदान के बाहर भेज सकता है, इसमें सिर्फ बल्ले का आकार मायने नहीं रखता।’

वॉर्नर भी इस बात से इत्तेफाक रखते हैं, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हर कोई इस गलतफहमी में है कि मोटे बल्ले से गेंद मैदान के बाहर आसानी से जाती है।’

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