बजट के बिल को अब विधानसभा में ला रही है सरकार!
|मार्च में बुलाए गए विधानसभा के बजट सेशन में लाए लग्जरी टैक्स बिल (विधेयक) के प्रस्ताव को पारित करने के लिए उसे दिल्ली सरकार आज फिर विधानसभा में ला रही है। माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को लेकर सरकार से कोई चूक हुई है, वरना बजट में लाए प्रस्ताव को लागू करने के लिए इतना वक्त नहीं लगता। इस प्रस्ताव के पास होने से होटल व गेस्ट हाउस मालिकों को खासी राहत होने वाली है।
सरकार के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट सेशन में दिल्ली के उन होटलों व गेस्ट हाउसों को लग्जरी टैक्स से मुक्त करने की घोषणा की थी, जिनके कमरों का किराया 1500 रुपये तक था। इससे पहले ऐसे 700 रुपये तक के कमरों पर करीब 12 प्रतिशत लग्जरी टैक्स लगता था। वित्त मंत्री ने बजट के लिखित भाषण में इस प्रस्ताव की जानकारी दी थी और कहा था इसे जल्द लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद होटल व गेस्ट हाउस संचालकों ने सरकार की काफी सराहना की थी और कहा था कि उसने उन्हें आर्थिक संकट से उबार दिया है, क्योंकि वे पहले से ही कई टैक्स व अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। होटल संचालक मान रहे थे कि जल्द ही सरकार अपनी घोषणा को लागू कर देगी, उसके बाद उन्हें राहत मिलना शुरू हो जाएगी। लेकिन पिछले पांच माह में उन्हें कोई राहत नहीं मिली और इस बाबत सरकार ने उन्हें कोई आश्वासन भी नहीं दिया। लेकिन सरकार अब सोमवार से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सेशन में इसे लाने जा रही है, जहां उसे पारित कर उसे लागू करवाने की कवायद शुरू हो जाएगी।
सरकार का दावा है कि इस प्रस्ताव में कोई अड़चन न हो, इसलिए इसे पेश करने से पहले ही उपराज्यपाल से अनुशंसा ले ली गई है। लेकिन सवाल यह है कि जब यह महत्वपूर्ण प्रस्ताव बजट में लगा हुआ था और बजट से जुड़े सभी प्रस्ताव और घोषणाएं लागू हो चुके हैं तो ऐसी क्या समस्या आ रही थी कि होटल वाला प्रस्ताव लागू नहीं हो पा रहा था। इस मसले पर संविधान विशेषज्ञ व दिल्ली विधानसभा के पूर्व सचिव एसके शर्मा का कहना है कि संभव है कि बजट सेशन में वित्त मंत्री ने लग्जरी टैक्स को लेकर मात्र मौखिक घोषणा की हो और उसे बजट रेकॉर्ड में लागू न किया हो। वरना ऐसा संभव ही नहीं है कि बजट का प्रस्ताव लागू न हो पाए। उन्होंने इस बात पर भी हैरानी जताई है कि सरकार ने हाल ही में इस प्रस्ताव को केबिनेट मे मंजूर करवाया, वरना जो रिवाज है, उसके अनुसार सरकार बजट में कोई भी प्रस्ताव लाती है, उसकी चर्चा केबिनेट में जरूर कर लेती है। माना यह भी जा रहा है कि सरकार ने इस प्रस्ताव की उपराज्यपाल से मंजूरी न ली हो, इसलिए वह उसे अभी तक लागू न कर पाई। दिल्ली होटल महासंघ के महासचिव अरुण गुप्ता के अनुसार देर से ही सही, सरकार ने आखिर हमारी सुन ली। उन्होंने उम्मीद जताई कि अब जल्द ही होटल वालों को लग्जरी टैक्स से छूट मिलना शुरू हो जाएगी।
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