फेस ऑथेंटिकेशन: आसान होगा बुजुर्गों का आधार कार्ड वेरिफिकेशन

नई दिल्ली
आधार कार्ड वेरिफिकेशन के लिए शुरू होनेवाली फेस ऑथेंटिकेशन की सुविधा सीनियर सिटिजंस के लिए काफी कारगर होगी। यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने यह दावा करते हुए इससे जुड़े कुछ तथ्य सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किए हैं। UIDAI ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि फिलहाल आधार वेरिफिकेशन के तरीके से अगर 83 प्रतिशत बुजुर्ग संतुष्ट हैं तो फिंगरप्रिंट के साथ फेस ऑथेंटिकेशन का फीचर जुड़ने से यह संख्या 100 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी।

दरअसल, फिंगरप्रिंट के जरिए होनेवाला वेरिफिकेशन कई सीनियर सिटिजंस के लिए परेशानी खड़ी कर देता है, क्योंकि उम्र के साथ उनकी उंगलियों के निशाना गायब होने लगते हैं। बहुत मामलों में तो ऐसे सीनियर सिटिजंस को सरकारी स्कीम्स से वंचित रहना पड़ा। साथ ही बड़ी संख्या उन लोगों की भी है जो मेहनत-मजदूरी करते हैं। उनके हाथों की लकीरें भी मिटनी शुरू हो जाती हैं। UIDAI के मुताबिक, नए फीचर से सबको फायदा होगा।

फेस ऑथेंटिकेशन: फिर जाना होगा आधार सेंटर?

किया गया प्रयोग
फेस ऑथेंटिकेशन से होने वाला वेरिफिकेशन जुलाई से शुरू होगा। लेकिन इसको पहले कुछ बुजुर्गों पर टेस्ट किया गया। 9 राज्यों के अलग-अलग ओल्ड एज होम में रहनेवाले करीब 4,500 बुजुर्गों को इसमें शामिल किया गया था। फेस और फिंगर प्रिंट के जरिए वेरिफिकेशन 99 प्रतिशत सफल रहा। वहीं फिंगरप्रिंट और आंख की पुतली से वेरिफिकेशन का सक्सेस रेट 95 प्रतिशत रहा।

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