पेरु में ‘वॉल ऑफ शेम’: अमीरों के इलाकों से दूर रहेंगे गरीब!

लीमा
विभाजन की प्रतीक के तौर पर याद की जाने वाली बर्लिन की दीवार भले ही 1989 में गिरा दी गई थी, लेकिन आज 26 साल बाद अमीरों को गरीबों से बचाने के लिए बनाई गई एक बेहद ‘शर्मनाक दीवार’ चर्चा का विषय बन गई है। लातिन अमेरिकी देश पेरु में बनाई गई इस दीवार को ‘वॉल ऑफ शेम’ का नाम देकर इसकी विश्वभर में आलोचना हो रही है। यह दीवार गरीबों और अमीरों के बीच फासला रखने के लिए खड़ी की गई है।

पेरु की राजधानी लीमा के बाहरी इलाके में बनाई गई इस 10 फुट ऊंची दीवार को ‘पेरु की बर्लिन की दीवार’ भी कहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दीवार को इसलिए बनाया गया है ताकि गरीब लोग अमीरों के यहां चोरी नहीं कर सके।

यह दीवार सैन जुआन डी मिराफ्लोर्स और सुरको को अलग करती है। दीवार के एक तरफ है लास कैजुआरिनाज, जहां देश के सबसे अमीर लोग रहते हैं। वहीं, इसके दूसरी ओर विस्टा हर्मोसा है, जहां गरीब आबादी रहती है।

अब इस दीवार के खिलाफ तेजी से विरोध की आवाजें बुलंद होने लगीं हैं। लोग इसके विरोध में सोशल साइट्स पर भी अभियान चला रहे हैं। स्थानीय निवासी भी इस दीवार का विरोध कर रहे हैं।

विरोध कर रहे लोगों ने दीवार को रंगना शुरू कर दिया है और इसकी तस्वीरें सोशल साइट्स पर शेयर कर रहें। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इस विरोध अभियान में भाग लेने के लिए कहा है। लोकल मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मोमबत्ती की रोशनी और टूटी छतों वाले लकड़ी के घरों को अमीरों के रिहायशी इलाके से अलग-थलग किया जा रहा है। दोनों कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर हैं।’

इसका विरोध कर रहे लोगों ने दीवार पर लिखा है, ‘मेरा देश आपका भी है, मेरा देश मेरा भी है और मेरा देश सबका है।’

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