पाकिस्तान में शूटर बनना आसान नहीं!
|पाकिस्तान में शूटर के तौर पर करियर बनाना सिरदर्द है। यहां के शूटर्स के साथ मुश्किल यह है कि उन्हें दूसरे देशों से गन, पिस्टल, कारतूस मंगाने में ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ती है। उससे भी ज्यादा मुश्किल तब होती है जब वह इंटरनैशनल इवेंट्स के लिए शूटिंग इक्विपमेंट लेकर ट्रैवल करते हैं। ऐसी समस्याएं दूसरे देशों के शूटर्स के सामने भी आती हैं लेकिन पाकिस्तानी शूटर्स को कुछ ज्यादा ही दुश्वारियों का सामना करना पड़ता है। यहां डॉ. कर्णी सिंह रेंज पर एशिया ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग शूटिंग कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने आए पाकिस्तानी शूटर्स ने यह दर्द बयां किया।
भारत आने में भी हुई दिक्कत
कराची के पिस्टल शूटर बिलाल खान ने बताया कि तमाम तरह की क्लीयरेंस होने के बावजूद उनके शूटर्स को दिल्ली आने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान से 11 सदस्यीय शूटिंग टीम, जिसमें दो ऑफिशल्स और दो विमिन शूटर्स भी हैं, को अबुधाबी होते हुए नई दिल्ली पहुंचना था। लेकिन, अबुधाबी से ट्रांजिट फ्लाइट में उनको रोक लिया गया।
बिलाल ने बताया, ‘अबुधाबी में इत्तहाद एयरलाइंस के ऑफिशल्स ने पूछा कि आप पाकिस्तान से हो, आपके पास गन है वगैरह। उन्होंने कहा कि इंडिया जाने वाली फ्लाइट में आपको बोर्ड करने के लिए हमारे पास परमिशन नहीं है।’ पाक टीम ने अपनी गन और पिस्टल वहीं छोड़कर भारत आने का प्रस्ताव दिया। लेकिन वहां के ऑफिशल इसके लिए भी राजी नहीं हुए। आखिरकार उन्हें अपने मैनेजर को वहीं छोड़कर बगैर हथियार के भारत आना पड़ा। पाक शूटर्स ने बताया कि उनका सामान 24 घंटे बाद उनको मिला। इससे उनकी तैयारियों पर असर पड़ा।
इंडिया से काफी पीछे
सियालकोट के स्कीट शूटर उस्मान चांद ने बताया कि उनके देश में केवल तीन शूटिंग रेंज हैं। अगर हम विदेश से गन, कारतूस मंगाना चाहते हैं तो पाकिस्तान के नाम पर काफी मुश्किलें पेश आती हैं। हम अपनी गन या पिस्टल लेकर कहीं भी जाते हैं तो अन्य देशों के शूटर्स के मुकाबले हमको ज्यादा सवालों का सामना करना पड़ता है।
कराची के पिस्टल शूटर शहजाद ने कहा, ‘इस मामले में इंडिया के शूटर काफी लकी हैं क्योंकि उनको सरकार और फेडरेशन का पूरा सपॉर्ट है और उनके सामने हमारे जैसी समस्याएं पेश नहीं आतीं।’ बिलाल के मुताबिक यही वजहें हैं कि पाकिस्तान में शूटर बनना आसान नहीं।
घूम-फिर भी नहीं सकते
मियांवाली से आए पाक पिस्टल शूटर कलिमुल्लाह खान कुतुब मीनार देखना चाहते हैं। बिलाल और शहजाद खान भी लाल किला देखने के अलावा पुरानी दिल्ली की सैर करना चाहते हैं। लेकिन उन्हें उनकी सरकार की ओर से हिदायत है कि बाहर घूमें-फिरें नहीं। लिहाजा शूटिंग के बाद उन्हें अंदर ही रहना पड़ रहा है। वैसे सभी पाक शूटर्स भारत की मेजबानी से काफी खुश हैं।
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