‘पाकिस्तानी’ बॉक्सर ने कहा, भारत में सेफ हूं
|पाकिस्तान मूल के ब्रिटिश बॉक्सर आमिर खान पहली बार भारत आए हैं। 28 वर्षीय मुक्केबाज भारत में अकादमियां खोलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। पाकिस्तान के साथ संबंधों में आई तल्खी और कुछ पार्टियों के विरोध के बीच आमिर का दौरा बेहद खास हो जाता है।
ओलंपिक 2004 के रजत पदक विजेता तथा डब्ल्यूबीए और आईबीए लाइट वेल्टरवेट के विश्व चैंपियन आमिर ने कहा कि वह दुनिया भर में अकादमी खोलना चाहते हैं और भारत भी इसमें शामिल है। पाकिस्तानी मूल के इस मुक्केबाज ने कहा, ‘मैं शुरू से भारत आना चाहता था क्योंकि मैंने सुना और पढ़ा है कि यह बहुत सुंदर स्थान है। मेरे कई भारतीय मित्र हैं और मैं यहां आकर हर चीज का अनुभव लेना चाहता था। असल में मेरा परिवार 2010 राष्ट्रमंडल खेलों के लिये दिल्ली आया था। तब मेरे भाई (हारुन) ने इसमें भाग लिया था और कांस्य पदक जीता था। उन्होंने मुझे बताया कि यह खूबसूरत स्थान है और मुझे यहां का दौरा करना चाहिए।’
आमिर कहते हैं, ‘एक पाकिस्तानी के तौर पर कहना चाहता हूं कि मैं यहां सुरक्षित महसूस कर रहा हूं और यहां खेल को बढ़ावा देना चाहता हूं। मैं यह करने के लिए पाकिस्तान भी गया था। मैं चाहता हूं कि दोनों देश के लोग एक दूसरे यहां आएं-जाएं। यहां शांति है और हमे यह संदेश दूसरों तक देना चाहिए। खेल ही है जो लोगों को जोड़ सकता है और गरीबी से निकाल सकता है।’
ब्रिटेन के सबसे युवा ओलंपिक पदक विजेता आमिर ने एथेंस में तब रजत पदक जीता था जबकि वह केवल 17 साल के थे। वह सबसे पहले दिल्ली और मुंबई में अकादमी खोलने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरी योजना असल में दुनिया भर में अकादमी खोलने की है और ईमानदारी से कहूं तो भारत इनमें से एक स्थान है। हमने पाकिस्तान, ब्रिटेन, दोहा और सिडनी में अकादमियां खोली हैं। दुबई अगला लक्ष्य है और भारत भी। मुक्केबाजी ऐसा खेल है जो भारत में तेजी से आगे बढ़ रहा है और विजेंदर पेशेवर बन गया है। हम निश्चित रुप से ऐसे देश में मुक्केबाजी को बढ़ावा देना चाहेंगे।’ (एजेंसी इनपुट को साथ)
अंग्रेजी में पढ़ेंः My name is Khan, and I feel safe in India: Amir Khan
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