परिसीमन: आप पार्षदों ने भी की ‘मेहनत’

विशेष संवाददाता, नई दिल्ली

नॉर्थ एमसीडी में जोन परिसीमन को लेकर हुआ विवाद आखिर सुलझ गया है। इस मसले पर बीजेपी नेताओं ने दिल्ली सरकार को समझाने में खासी माथापच्ची की, तो आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने भी खासी ‘मेहनत’ की। उन्होंने भी सरकार को समझाया कि जोन परिसीमन को हरी झंडी न देने के कारण इलाके में कोई काम नहीं हो पा रहे हैं, जिसके चलते लोग आप व सरकार से खासी नाराजगी जता रहे हैं। जिसके बाद सरकार ने परिसीमन को अप्रूवल दे दी। माना जा रहा है कि एक माह के भीतर नॉर्थ एमसीडी सुचारू रूप से काम करने लगेगी।

नॉर्थ एमसीडी में छह जोन हैं। वहां के बीजेपी नेता चाहते थे कि छह तो छह ही रहें लेकिन दो जोन सिटी व सदर-पहाड़गंज को मिलाकर एक कर दिया जाए और इसके बदले में केशवपुरम नाम से नया जोन बना दिया जाए। मेयर प्रीति अग्रवाल ने इसके प्रपोजल की फाइल दिल्ली सरकार को पांच जून को भेजी थी। शुरू में सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन जब बीजेपी नेताओं ने दबाव बढ़ाया तो सरकार ने इस बाबत पूछताछ शुरू करनी शुरू की दी और दो बार फाइल को रिजेक्ट भी कर दिया। इस मसले पर मेयर व अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से एक बार व शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन से कई बार मुलाकात की, लेकिन उन्होंने खास तवज्जो नहीं दी।

सूत्र बताते हैं कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने फाइल को ओके कर राजनिवास को भेज दिया और कल उपराज्यपाल अनिल बैजल ने इस वॉर्ड व जोन परिसीमन को अप्रूव कर सरकार को भेज दी। अब दिल्ली सरकार जल्द नोटिफिकेशन जारी कर देगी, जिसके बाद लंबा चल रहा यह विवाद खत्म हो जाएगा। बताते हैं कि दिल्ली सरकार ने इस मामले में इसलिए गंभीरता दिखाई, क्योंकि आम आदमी पार्टी के पार्षद भी सरकार तक यह बात पहुंचा रहे थे कि परिसीमन को नोटिफिकेशन न होने से एमसीडी के सारे काम रुके पड़े हैं, साथ ही प्रोजेक्ट भी शुरू नहीं हो पा रहे हैं, जिससे इलाके में उनकी व सरकार की खासी किरकिरी हो रही है। बताते हैं कि इस मसले पर कई पार्षदों इलाके में लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा।

नॉर्थ एमसीडी के नेता विपक्ष व आप पार्षद राकेश कुमार ने माना कि परिसीमन न होने से वाकई हमें भी परेशानी झेलनी पड़ रही थी। इस बाबत हमारे नेता लगातार सरकार तक संदेश पहुंचा रहे थे। अब एमसीडी नेताओं को जल्द स्थायी समिति व वॉर्ड कमेटियों का गठन कर देना चाहिए ताकि कामकाज शुरू हो सके। इस मसले पर कमिश्नर पीके गुप्ता का कहना है कि उपराज्यपाल की अप्रूवल दिल्ली सरकार के पास पहुंच गई है। अब सरकार इस पर नोटिफिकेशन जारी करेगी। उससे पहले इस प्रस्ताव को विधि विभाग के पास भेजा जाएगा, ताकि कोई अड़चन न हो। उन्होंने कहा कि एक माह के भीतर सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएंगी। कमिश्नर के अनुसार नया जोन बनने से एमसीडी पर कोई आर्थिक बोझ नहीं पड़ने वाला है।

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