पनाया डील: अब इन्फोसिस बोर्ड से नाराज फाउंडर नारायणमूर्ति

नई दिल्ली
दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के फाउंडर ने मंगलवार को कहा कि वह पनाया डील को क्लीन चिट दिए जाने के कारण कंपनी के निदेशक मंडल से नाराज हैं। इन्फोसिस बोर्ड ने विवादास्पद पनाया अधिग्रहण के बेदाग होने पर अपनी मुहर लगाई थी। बता दें कि पनाया डील पर नारायणमूर्ति ने सवाल उठाए थे और इन्हीं आरोपों के बीच विशाल सिक्का को सीईओ पद से इस्तीफा देना पड़ा था। कंपनी के चेयरमैन नंदन नीलकेणी की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने कहा था कि सौदे में गड़बड़ी को लेकर की गई शिकायत में कोई दम नहीं है।

नारायणमूर्ति ने ई-मेल के जरिए एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘मैं इन्फोसिस निवेशकों को दी स्पीच के दौरान उठाए सभी प्रश्नों के साथ खड़ा हूं। यह साफ है कि इन्फोसिस बोर्ड ने उस पारदर्शिता के साथ इन सवालों का जवाब नहीं दिया है, जो दिया जाना चाहिए था। मैं निराश हूं।’ मूर्ति ने कहा कि मैंने जो सवाल उठाए थे उनका जवाब नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘बड़ा सवाल अभी भी यह है कि कैसे और क्यों इन्फोसिस बोर्ड ने पूर्व सीएफओ को 1000 प्रतिशत का सेवरेंस पेमेंट अग्रीमेंट कैसे अप्रूव हो जाता है और क्यों बोर्ड ने यह जानकारी पहले नहीं दी। अफसोस है कि हमें सच्चाई नहीं पता है।’ नारायणमूर्ति ने 20 करोड़ डॉलर के पनाया सौदा मामले में स्वतंत्र जांचकर्ताओं गिबसन, डन और क्रचर की पूरी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी। कहा जा रहा था कि कंपनी की मुश्किलों की शुरुआत 2015 की पनाया अधिग्रहण से हुई। 20 करोड़ डॉलर (करीब 1300 करोड़ रुपये) की इस पर व्हिसल ब्लोअर्स ने सवाल उठाए थे।

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