नोटबंदी ने भ्रष्टाचार के नये रास्ते खोले: अर्थशास्त्री
|उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत सरकार ने भ्रष्टाचार के नये रास्ते खोले हैं।
कुर्ज ने पीटीआई से विशेष बातचीत में कहा, ….जहां तक मैं स्थिति को समझता हूं यह :नोटबंदी: कदम पत्थर को अंडे से मारने का प्रयास साबित हुआ है।
उन्होंने कहा, मुझे इस पर काफी संदेह है कि नोटबंदी भ्रष्टाचार को समाप्त कर देगी और अधिक पारदर्शिता लाएगी। यह कदम इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिये काफी कमजोर और भरमाने वाला है।
कुर्ज आस्ट्रेलिया में यूनिवर्सिटी आफ ग्राज में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
उन्होंने कहा, सरकार ने 2,000 रपये का नोट पेश किया है। यह प्रतिबंध नोट के मूल्य का दोगुना या चार गुना है….इसे बमुश्किल नोटबंदी कहा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई सराहनीय है लेकिन मुझे लगता है कि कुछ नोट पर पाबंदी के जरिये यह नहीं किया जा सकता है।
नोटबंदी का भारत की आर्थिक वृद्धि पर प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर कुर्ज ने कहा, अभी नोटबंदी के प्रभाव का आकलन करना जल्दबाजी होगी…। दूसरा जो आंकड़े आये हैं, वह मोटा-मोटी अनुमान है। इसमें संभवत: इसके प्रभव को शामिल नहीं किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को 500 और 1,000 रपये के नोट पर पाबंदी लगा दी।
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