निवेशकों के लिए रिस्क रिडक्शन एक्सेस प्लेटफॉर्म बनाने का निर्देश

बाजार नियामक सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों को इन्वेस्टर रिस्क रिडक्शन एक्सेस (आईआरआरए) प्लेटफॉर्म का गठन करने का निर्देश दिया है, जिसके जरिये निवेशक अपने पोजीशन की बिकवाली कर पाएंगे या खड़े सौदे (ओपन पोजीशन) बंद कर पाएंगे और लंबित ऑर्डर रद्द‍ कर पाएंगे जब शेयर ब्रोकरों के यहां तकनीकी खामियां होंगी।

30 दिसंबर को जारी परिपत्र में पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि आईआरआरए सर्विसेज विभिन्न एक्सचेंजों में कई क्षेत्रों को सपोर्ट करेगा। यह सेवा वैसे शेयर ब्रोकरों के अनुरोध पर प्रभावी हो जाएगा, जो तकनीकी खामियों का सामना कर रहे हों और जिसके कारण ट्रेडिंग से जुड़ी सेवाएं बाधित हो रही हों। इसके अतिरिक्त, स्टॉक एक्सचेंज भी निगरानी वाले मानकों मसलन कनेक्टिविटी,ऑर्डर फ्लो व सोशल मीडिया पोस्ट को देखते हुए ये सेवाएं स्वत: शुरू कर पाएंगे।

निवेशक जहां अपने पोजीशन बंद कर पाएंगे या लंबित ऑर्डर रद्द कर पाएंगे, वहीं आईआरआरए सेवाएं वैसी किसी कवायद की इजाजत नहीं देगा, जो निवेशकों को जोखिम बढ़ाता हो। शेयर ब्रोकरों के यहां तकनीकी खामियों या अवरोध की स्थिति में ओपन पोजीशन वाले निवेशक अपना पोजीशन बंद करने के लिहाज से गंतव्य की अनुपलब्धता का जोखिम उठाते हैं, खास तौर से जब बाजारों में उतारचढ़ाव होता है।
प्रभावी ट्रेडिंग मेंबर के निवेशकों को ईमेल, एसएमएस या एक्सचेंज की बेबसाइट पर सार्वजनिक सूचना के जरिये आईआरआरए सेवाओं की उपलब्धता की सूचना दी जाएगी।

उपलब्धता पर निवेशक अपने यूनिक क्लाइंट कोड या पैन नंबर के जरिए लॉग-इन में सक्षम होंगे, जिसे पंजीकृत मोबाइल नबंर व ईमेल पर वन टाइम पासवर्ड के जरिये अधिकृत किया जाएगा। सेबी ने कहा, अगर ट्रेडिंग मेंबर की कारोबारी निरंतरता की योजना अवरोध (मसलन मेंबर डिजास्टर रिकवरी साइट पर तय समय में न पहुंच पाए, साइबर हमले का जोखिम आदि) को रोकने में समक्ष न हो तो यह फैसला लिया गया है कि स्टॉक एक्सचेंज ऐसे अवरोध की स्थिति में आपातकालीन सेवाएं मुहैया कराएगा।

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स्टॉक एक्सचेंजों व क्लियरिंग कॉरपोरेशन को 1 अक्टूबर 2023 से उचित व्यवस्था तैयार करने का निर्देश दिया गया है। स्टॉक एक्सचेंजों को कट-ऑफ टाइम, ओपन पोजीशन के विभिन्न परिदृश्य, रिवर्स माइग्रेशन के ढांचे, प्रासंगिक उप-नियमों में संशोधन आदि मसले देखने होंगे और मासिक रिपोर्ट में बाजार नियामक को इसके क्रियान्वयन की अद्यतन जानकारी देनी होगी। बाजार नियामक ने 20 दिसंबर को आयोजित बोर्ड बैठक में इस प्लेटफॉर्म के गठन को मंजूरी दी थी। सेबी ने कहा, स्टॉक ब्रोकर या ट्रेडिंग मेंबर हालांकि आईआरआरए प्लेटफॉर्म पर सभी गतिविधियों के लिए जवाबदेह बने रहेंगे, जिसमें सेटलमेंट व मार्जिन की दरकार आदि शामिल हैं।

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