निलेकणि को दो-तीन साल इन्फोसिस में बने रहना चाहिए, रवि को जाने की जरूरत: बालाकृष्णन
|बालाकृष्णन इन्फोसिस टेक्नोलाजीज लि में कंपनी संचालन मानकों में गिरावट का आरोप लगाने वालों में मुख्य रहे हैं। उन्होंने अपनी मांग फिर से दोहरायी कि सह-अध्यक्ष से स्वतंत्र निदेशक बने रवि वेंकटेशन को निदेशक मंडल से हटना चाहिए।
उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, ….वर्ष 2014 में जो हुआ, वह बड़ा प्रयोग था। इसमें संस्थापकों की जगह दूसरे सीईओ आये और पेशेवर निदेशक मंडलों ने कंपनी का प्रबंधन करना शुरू किया। लेकिन बोर्ड का कामकाज सही नहीं रहा, अत: प्रयोग विफल रहा। इसीलिए अब प्रयोग विफल नहीं होना चाहिए।
बालाकृष्णन ने कहा कि निलेकणि को बेहतर चेयरमैन प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए ताकि जब कभी वह भविष्य में कंपनी छोड़े तो यह सुनिश्चित हो कि बोर्ड सुरक्षित हाथ में हो।
उन्होंने कहा, मुझो लगता है कि अगले दो-तीन साल उन्हें वहां बने रहना चाहिए क्योंकि उन्हें कई चीजें करनी है….निदेशक मंडल का फिर से गठन हो, सीईओ मिले, वह कुछ दिन संभाले और चेयरमैन पद के लिये उाराधिकारी योजना तैयार करे। इससे पहले का बोर्ड कमजोर था। वह बेहतर तरीके से चीजों को बताने में सक्षम नहीं था, बोर्ड ने काफी निराश किया।
उल्लेखनीय है कि संस्थापकों तथा प्रबंधन के बीच करीब एक साल से जारी कटुता के कारण कंपनी के सीईओ विशाल सिक्का ने अचानक इस्तीफा दे दिया। उनके साथ चेयरमैन आर शेषशायी तथा दो अन्य बोर्ड सदस्यों ने भी इस्तीफा दे दिया।
इसके साथ सह-अध्यक्ष रवि वेंकटेशन स्वतंत्रा निदेशक बने और सह-संस्थापक नंदन निलेकणि दूसरी पारी के लिये इन्फोसिस में शामिल हुए।
बालकृष्णन ने कहा, …उनकी निलेकणि पहली प्राथमिकता बोर्ड का पुनर्गठन होना चाहिए….रवि जैसे बोर्ड के कुछ सदस्यों का बने रहने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
उन्होंने कहा कि निलेकणि सभी मुद्दों को देखेंगे, संबंधित पक्षों के साथ विचार-विमर्श करेंगे और हर चीज को निष्कर्ष पर पहुचाएंगे।
भाषा
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