दो-तिहाई लेजबियन और बाइसेक्‍सुअल महिलाएं वर्कप्‍लेस पर होती हैं भेदभाव का शिकार: स्‍टडी

लंदन
ले‍जबियन और बाइसेक्‍सुअल महिलाओं को लेकर समाज का नजरिया अभी भी काफी खराब है और वर्कप्‍लेस पर उन्‍हें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ता है। एक रिसर्च से यह बात सामने आई है। इस रिसर्च में शामिल दो-तिहाई लेजबियन और बाइसेक्‍सुअल महिलाओं ने माना कि उन्‍हें वर्कप्‍लेस पर भेदभाव का सामना करना पड़ा।

यह रिसर्च ब्रिटिश LGBT अवॉर्ड्स की तरफ से की गई। इसमें ब्रिटेन की 1200 लेजबियन और बाइसेक्‍सुअल महिलाओं का इंटरव्‍यू किया गया और उनसे वर्कप्‍लेस पर उनके अनुभव के बारे में सवाल पूछे गए। स्‍टडी में शामिल 64 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि वर्कप्‍लेस पर उनसे नकारात्‍मक व्‍यवहार किया गया जिसमें लैंगिक भेदभाव, अनुचित भाषा और मौकों की कमी आदि प्रमुख हैं।

स्‍टडी में 73 प्रतिशत महिलाओं ने कहा कि भेदभाव की वजह से वे अपने सहकर्मियों जितना प्रयास नहीं कर पाती हैं और 86 प्रतिशत ने माना कि सीनियर प्रफेशनल्‍स रोल में और ज्‍यादा लेजबियन और बाइसेक्‍सुअल महिलाओं की जरूरत है ताकि वे दूसरी महिलाओं के लिए रोल मॉडल की भूमिका अदा कर सकें।

ब्रिटिश LGBT अवॉर्ड्स की फाउंडर सेरा गारेट ने कहा क‍ि इस स्‍टडी के नतीजे दिखाते हैं कि भले ही हालिया सालों में LGBT समानता की दिशा में ठीक-ठाक प्रगति हुई है, लेकिन LGBT महिलाओं के लिए अभी और प्रगति की आवश्‍यकता है।

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