दूर अंतरिक्ष में मानव को भेज सकता है NASA

वॉशिंगटन
नासा के अंतरिक्ष यात्री आने वाले दिनों में दूर अंतरिक्ष में चहलकदमी कर सकते हैं। नासा ने शनिवार को कहा कि यह दूर अंतरिक्ष में सफर करने वाले अपने स्पेसक्राफ्ट ओरायन की टेस्ट उड़ान में इन यात्रियों को भेजने पर विचार कर रहा है। इस स्पेसक्राफ्ट का लक्ष्य चांद की कक्षा में भ्रमण करना है।

अमेरिकी एजेंसी दूर अंतरिक्ष में इंसानों को भेजने की अपनी क्षमता पर काम कर रहा है ताकि वे सोलर सिस्टम में बहुत दूर यानी कम से कम मंगल तक जा सकें। जहां अब तक किसी अंतरिक्ष यात्री ने सफर नहीं किया है। नासा अपने पहले संपूर्ण स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट और ओरायन स्पेसक्राफ्ट, एक्सप्लोरेशन मिशन-1 (ईएम-1) के जरिए स्पेस में किसी मानव को भेजने की संभावना का मूल्यांकन कर रहा है।

पहले मिशन के जरिए इंसान को दूर अंतरिक्ष भेजने की तकनीकी संभावना, खतरा, लाभ, अतिरिक्त कार्य, संसाधन की जरूरत और टाइमिंग पर शोध चल रहा है। नासा के ह्युमन एक्सप्लोरेशन ऐंड ऑपरेशंस मिशन डाइरेक्टोरेट के असोसिएट ऐडमिनिस्टर विलियम जर्सटनमेयर ने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता हमारे एक्सप्लोरेशन मिशन को ओरायन स्पेसक्राफ्ट और स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट के जरिए सुरक्षित और प्रभावी तरीके से लागू करना है। विलियम ने कहा, ‘यह सिर्फ एक मूल्यांकन है न कि फैसला, क्योंकि अभी ईएम-1 के प्राथमिक मिशन में कोई अंतरिक्ष यात्री शामिल नहीं है।’

अगर नासा अपने पहली फ्लाइट पर अंतरिक्ष यात्री भेजने का फैसला करता है तब इस मिशन का नाम एक्सप्लोरेशन मिशन-2 हो सकता है। जो संभवतः 8 दिन का मिशन होगा। ईएम-1 मिशन में किसी अंतरिक्ष यात्री को भेजे जाने की संभावना को देखते हुए नासा वैसी स्थिति में इसके हार्डवेयर बदलाव की जरूरत पर भी ध्यान दे रहा है। फिलहाल पहले फ्लाइट के लिए हार्डवेयर फ्लोरिडा स्थित नासा के केनेडी स्पेस सेंटर आना शुरू हो गया है जहां से नासा के ऐतिहासिक पैड-39बी से अंतरिक्ष यान को लॉन्च किया जाएगा।

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