दुनिया भर में ‘अज्ञानता’ के मामले में दूसरे नंबर पर भारतीय

लंदन
क्या भारतीय अपने ही देश के बारे में नहीं जानते? एक सर्वे के मुताबिक भारतीय अपने ही देश को लेकर पूरी तरह से अनभिज्ञ हैं। यह सर्वे असमानता, गैरधार्मिक आबादी, महिला रोजगार और इंटरनेट की पहुंच के मुद्दों पर किया गया है। सर्वे लंदन बेस्ड मार्केट रिसर्च फर्म Ipsos MORI ने किया है। इसमें 33 देशों के 25,000 लोगों से बात की गई है। इन लोगों से पूछा गया था कि ये कौन सी चीजों को लेकर चिंतित हैं। इन्होंने बहुत चीजों के बारे में भ्रमित बात बताई।

मेक्सिको और इंडिया की इस मामले में बेहद संदिग्ध तस्वीर उभरकर सामने आई है। इन मुद्दों पर मेक्सिको और इंडिया के लोग अपने ही बारे में अनजान दिखे। इस सर्वे के मुताबिक साउथ कोरिया सबसे मुकम्मल बनकर सामने आया है। इसके बाद आइरिश हैं।

किसी भी देश के बारे में वहां लोगों की अज्ञानता के आधार पर यह रैंकिंग दी गई है। इसमें टॉप एक पर्सेंट लोगों से संपत्ति के बारे में सवाल पूछे गए। इसके आलवा मोटापा, प्रवासी, पैरंट्स के साथ रहना, महिला रोजगार, ग्रामीण जीवन और इंटरनेट की पहुंच के बारे में सवाल पूछे गए थे। इस मामले में ज्यादातर भारतीयों अपनी चीजों से अनाजान के तौर पर सामने आए। भारतीयों को यह भी पता नहीं है कि देश की कितनी संपत्ति टॉप एक पर्सेंट लोगों के पास है। सर्वे के मुताबिक वास्तव में टॉप एक पर्सेंट भारतीयों के पास असाधारण रूप से कुल संपत्ति का 70 पर्सेंट है।

सर्वे में ज्यादातर भारतीयों को बेहद कमतर आंका गया है। इन्होंने बताया कि भारत की 33 पर्सेंट आबादी गैरधार्मिक है। जबकि सच यह है कि भारत में ऐसी एक पर्सेंट ही आबादी है। महिला रोजगार के मामले में इजरायली को भी बेहद कमतर आंका गया है। भारत, मेक्सिको, साउथ अफ्रीका, चिली के लोगों का मानना है कि यहां ज्यादातर महिलाएं काम करती हैं। इन्होंने राजनीति में भी महिलाओं की मौजूदगी को कम बताया। कोलंबिया, रूस, इंडिया और ब्राजील के बारे में लोगों का मानना है कि यहां महिलाओं का प्रतिनिधित्व ज्यादा है। ग्रामीण आबादी के मामले में भी लोगों ने भारत को कमतर आंका। भारत में एक औसत अनुमान है कि 60 पर्सेंट लोगों तक इंटरनेट की पहुंच है लेकिनअसली तस्वीर 41 पर्सेंट ही है।

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