दिल्ली सरकार की मांगे तो मान रहा है केंद्र!

रामेश्वर दयाल

विभिन्न मामलों को लेकर दिल्ली सरकार लगातार केंद्र सरकार पर अड़ंगा लगाने के आरोप लगा रही है, लेकिन यह भी सच है कि जनहित से जुड़े कुछ प्रस्तावों पर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की बातें मान ली और उसके संशोधनों को बिना किसी विरोध के मंजूर कर लिया। दिल्ली सरकार ने भी माना है कि उसके प्रस्तावों को केंद्र ने हरी झंडी दे दी है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उनका मंत्रिमंडल आजकल लगातार केंद्र सरकार के साथ-साथ उपराज्यपाल नजीब जंग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि उन्हें काम नहीं करने दिया जा रहा है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि कुछ ऐसे प्रस्ताव भी बिना कांट-छांट के मंजूर कर लिए जो जनहित से जुड़े हुए थे। उदाहरण के तौर पर राजधानी में बिजली की सुचारू सप्लाई को लेकर दिल्ली सरकार ने सोलर पॉलिसी की घोषणा की है। इसमें सरकार की दो मांगों को बिना कांटछांट के मान लिया गया। पहला तो यही कि कहीं भी सोलर पैनल लगाने के लिए विभाग के इंस्पेक्टर के एनओसी की जरूरत नहीं होगी। दूसरा किसी रिहायशी या कमर्शल इमारत पर सोलर पैनल लगाया जाता है तो लोगों को अपनी छत को छह फुट ऊंचा करने की इजाजत दे दी गई है। इसका लाभ यह होगा कि छत का इस्तेमाल पहले की तरह होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने बिल्डिंग बायलॉज में बदलाव कर दिया है।

इस मसले पर पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी माना कि दिल्ली सरकार के पास बिल्डिंग बायलॉज को संशोधन करने की पावर नहीं है। हमने केंद्र सरकार को इसका सुझाव भेजा था और केंद्र ने हमारे इस सुझाव को बिना पूछताछ के मंजूर कर लिया। उन्होंने यह भी माना कि केंद्र सरकार ने दिल्ली में मकानों के नक्शे पास करने के लिए भी दिल्ली सरकार के कुछ संशोधनों को मंजूर कर लिया है। इनमें ऑनलाइन नक्शे पास करने की दिल्ली सरकार की मांग भी मान ली गई, साथ में हमारे इस प्रस्ताव को भी मंजूर कर लिया गया कि हर हाल में एक माह में नक्शे पास कर दिए जाएंगे। केंद्र ने दिल्ली सरकार की यह मांग भी मान ली कि नक्शा मंजूरी के लिए अगर किसी और विभाग का एनओसी चाहिए तो संबंधित एमसीडी का बिल्डिंग विभाग वह एनओसी खुद प्राप्त करेगा, इसके लिए आवेदक को भागदौड़ नहीं करनी होगी।

इस मसले पर दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का कहना है कि असल में दिल्ली सरकार को काम करने के बजाय शोर मचाने की आदत पड़ चुकी है। यह सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए लगातार केंद्र सरकार पर आरोप मढ़ रही है, जबकि केंद्र सरकार उसे सहयोग करने को राजी है। सोलर पॉलिसी और बिल्डिंग बायलॉज के मसले ने जाहिर कर दिया है कि केंद्र दिल्ली सरकार के जनहित के काम नहीं रोकना चाहती, लेकिन सीएम केजरीवाल व उनके मंत्री बेवजह केंद्र व राजनिवास को निशाना बनाने में लगे हुए हैं।

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