दिल्ली सरकार की नाकामी से लटकी सीलिंग की तलवार: बीजेपी
|मास्टर प्लान में संशोधन करके दिल्ली के कारोबारियों को सीलिंग से राहत दिलाने की कोशिशों में जुटी बीजेपी ने शुक्रवार को कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमिटी पर एक साथ हमला बोला। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सांसद मनोज तिवारी समेत दिल्ली में बीजेपी के 4 अन्य सांसदों ने केंद्रीय कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
तिवारी ने जानबूझकर केजरीवाल पर उस वक्त ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने का आरोप लगाया, जब वह राष्ट्रपति के साथ पर विदेश में थे। रमेश बिधूड़ी ने केजरीवाल पर ओवरसाइज शर्ट और सस्ती चप्पल पहनकर खुद को आम आदमी की तरह दिखाने का ढोंग करके लोगों को इमशोनली ब्लैकमेल करने और झूठ बोलने का आरोप लगाया। महेश गिरी ने एमसीडी और दिल्ली सरकार के उन अधिकारियों को दंडित करने की मांग की, जिनकी लापरवाही की गाज आज व्यापारियों पर गिर रही है। उदित राज ने अनधिकृत कॉलोनियों को रेगुलराइज करने में दिल्ली सरकार की नाकामी का हवाला देते हुए कहा कि इन कॉलोनियों पर भी अब सीलिंग की तलवार लटक रही है।
…तब थम जाएगी सीलिंग
विजेंद्र गुप्ता ने बताया कि यूपीए सरकार ने मास्टर प्लान में जो कमियां छोड़ी थीं, केंद्र सरकार उन्हें दूर करने की कोशिश कर रही है। जल्द ही मास्टर प्लान में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। डीडीए और यूडी मिनिस्ट्री ने सीलिंग का समाधान निकाल लिया है। कानून में बदलाव होने के बाद 90 फीसदी सीलिंग रुक जाएगी। जहां सीलिंग हुई है, वह भी खुल जाएगी। लेकिन अब दिल्ली सरकार को अपने स्तर पर मास्टर प्लान में संशोधन से जुड़े अन्य प्रस्तावों को पास करके केंद्र को भेजना है, जिसमें वह देरी कर रही है।
मॉनिटरिंग कमिटी को भी घेरा
विजेंद्र ने आरोप लगाया कि मॉनिटरिंग कमिटी कानूनी दायरे से बाहर जाकर सीलिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि एमसीडी से कहेंगे कि वह मॉनिटरिंग कमिटी के आदेश का पालन करने से पहले देख ले कि कार्रवाई कानून के दायरे से बाहर जाकर तो नहीं की जा रही और अगर ऐसा हो तो सुप्रीम कोर्ट में शिकायत करे। मीनाक्षी लेखी ने डिफेंस कॉलोनी, अमर कॉलोनी जैसे इलाकों का हवाला देते हुए कहा कि असल में यह रेजिडेंशल इलाकों में कमर्शल एक्टिविटी से जुड़ा मामला था, लेकिन मॉनिटरिंग कमिटी कमर्शल इलाकों में भी वहां सीलिंग कर रही है, जहां लैंड यूज का नहीं है, बल्कि एफएआर का मसला है।
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