दिल्ली को कैसे मिलेगी सीलिंग से राहत?
|राजधानी में चल रहा सीलिंग एक्शन केंद्र सरकार के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। इसके लिए कुछ रास्ता निकालने के प्रयास शुरू हो गए हैं। कुछ ऐसा हल तलाशा जा रहा है, जिससे दिल्ली के लोग सीलिंग की मार से भी बच जाएं और सुप्रीम कोर्ट के भी संदेह दूर हो जाए। इसके लिए मंत्रणा का दौर शुरू हो चुका है। जिसकी कड़ी में कारोबारियों से लेकर आम जनता के विचार के विचार लिए जा रहे हैं। केंद्र सरकार का मानना है कि सीलिंग का स्थायी हल जरूरी है, वरना उसका दंश कारोबारियों और आम लोगों को बार-बार परेशान करता रहेगा। इसके लिए प्रयास शुरू हो गए हैं।
केंद्र सरकार मान चुकी है कि सीलिंग का हल तभी निकल सकता है, जब उसके द्वारा लिए गए निर्णयों पर सुप्रीम कोर्ट की रजामंदी हो। उसका कारण यह है कि केंद्र सरकार द्वारा सीलिंग के लिए उठाए जा रहे प्रस्तावित कदमों पर सुप्रीम कोर्ट लगातार सवाल खड़े कर रहा है। बताते हैं कि सर्वसम्मति वाला फार्मूला कैसे बने, इसके लिए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल एक्टिव हो गए हैं। गोयल दिल्ली के ही नेता हैं और दिल्ली से ही सांसद चुने जाने के अलावा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसलिए सरकार मान रही है कि सभी पक्षों से बातचीत कर सर्वसम्मति बना सकते हैं। इसी कड़ी में हाल ही में उन्होंने केंद्री शहरी विकास मंत्री हरदेव पुरी से मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि इस मंत्रणा में इस बात पर सबसे अधिक जोर दिया गया कि कोई ऐसा निदान निकाला जा सके, जिस पर कोई बड़ी आपत्ति न उठे। सूत्र बताते हैं कि असल में सरकार मान रही है कि सीलिंग को लेकर अध्यादेश या बिल लाने की जरूरत न पड़े, इसके लिए ही यह सारी कवायद की जा रही है।
इसी मसले को लेकर विजय गोयल ने दिल्ली के कारोबारियों नेताओं से बात भी की। इनमें पुरानी दिल्ली के नेता भी शामिल थे। इन मुलाकात में 11 साल पहले हुए सीलिंग अभियान पर बातचीत हुई और उससे बचाव पर भी चर्चा हुई। सांध्य टाइम्स से बातचीत में केंद्रीय मंत्री का कहना है कि असल में कानून की एक ही धारा से सीलिंग का हल निकाला जा सकता। उसका कारण यह है कि सीलिंग भी कई प्रकार की है। अगर बहुत कम है तो उसे नियमित करने का रास्ता तलाशा जा सकता है। लेकिन उससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों और दुकानदारों को भी यह समझाना होगा कि अवैध निर्माण या अनधिकृत जगहों पर कारोबार करने के कितने नुकसान हैं। सरकार को भी यह प्रचार करना होगा कि सीलिंग की बाबत क्या गलत है और क्या सही। गोयल मानते हैं कि इस सीलिंग समस्या का समाधान फौरी तौर पर नहीं निकल सकता। हमें सुप्रीम कोर्ट से गुजारिश करनी होगी कि वह कम से कम एक साल तक सीलिंग अभियान को स्थगित कर दे। इस अवधि में नियमों में बदलाव किए जाएं। अवैध निर्माण का हतोत्साहित किया जाए और पुराने अवैध निर्माणों को लेकर सर्वसम्मति से कानूनी नीति बनाई जाए। उनका यह भी कहना है कि नए अवैध निर्माणों पर सबसे पहले एक्शन होना जरूरी है।
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