डूसू ने लेट कराए बीजेपी के चुनाव

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नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश बीजेपी के संगठन चुनाव करवाने के लिए करीब एक महीने पहले चुनाव अधिकारी को नियुक्त किया गया था, लेकिन अभी तक चुनाव को लेकर कोई खास तैयारी नहीं की गई है। संगठन चुनाव के लिए सबसे पहले मेंबरशिप रजिस्टर और वोटर लिस्ट बननी होती है और इसका प्रोसेस अब शुरू हो रहा है। पहले संगठन चुनाव अक्टूबर आखिर तक पूरे होने थे, लेकिन जिस स्पीड से चुनाव करवाने का प्रोसस चल रहा है, उसे देखते हुए इस महीने चुनाव प्रोसेस पूरा नहीं हो पाएगा। चुनाव अधिकारी सुभाष सचदेवा से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि डीयू स्टूडेंट्स यूनियन (डूसू) चुनाव के चलते संगठन चुनाव में कुछ देरी हुई है और अब संगठन चुनाव करवाने के समय में 15 दिन का इजाफा किया गया है। अब 15 नवंबर तक चुनाव का प्रोसेस पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मेंबरशिप रजिस्टर तैयार किया जा रहा है। उसके बाद समितियों का चुनाव होगा। फिर मंडल और जिला के चुनाव होंगे।

दरअसल इस बार बीजेपी के लिए डूसू चुनाव खासे अहम थे। इस चुनाव में आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग पहली बार चुनाव में उतरी थी और बीजेपी ने भी इसे बड़ी चुनौती के तौर पर लिया था। बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ- साथ सीनियर लीडर भी डूसू चुनाव की रणनीति बनाने में लगे थे और डूसू चुनाव के चलते संगठन चुनाव में देरी हुई। डूसू चुनाव में जहां एबीवीपी को चारों सीटों पर जीत मिली और इसका श्रेय पार्टी के सीनियर लीडर्स को भी मिला। वहीं संगठन चुनाव के बारे में जानकारों का कहना है कि अभी पार्टी ने मेंबरशिप रजिस्टर बनाने की प्रक्रिया ही शुरू की है, जिसमें काफी समय लगता है। ऐसे में 15 नवंबर तक चुनाव पूरे हो पाएंगे या नहीं, यह भी एक सवाल है। संगठन चुनाव की प्रक्रिया में काफी समय लगता है। करीब 11 हजार समितियों का चुनाव होता है। उसके बाद 280 मंडल के अध्यक्षों का चुनाव होता है। फिर 14 जिलों के अध्यक्ष चुने जाते हैं और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर फैसला होता है। बीजेपी सूत्रों के मुताबिक वैसे तो ज्यादातर पोस्ट पर आम सहमति के जरिए ही फैसला हो जाता है, लेकिन कुछ अहम पोस्ट पर पहले भी कई बार वोटिंग हुई है।

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